Eco-friendly tea shop opened

MBA चायवाला के बाद अब आया “इको फ्रेंडली चाय वाला”, जहां लोग चाय पीने के बाद खाते है कुल्हड़, जानें क्या है वजह

After MBA Chaiwala, now came "Eco friendly Chai Wala", where people eat Kulhad : चावल के कप और मिट्‌टी से बने कुल्हड़ में चाय मिलती है

Edited By :   Modified Date:  December 17, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : December 17, 2022/8:16 pm IST

Eco-friendly tea shop opened : आगरा : इन दिनों सोशल मीडिया में एमबीए चायवाला, ग्रेजुएटचाये वाले के बाद अब सोशल मीडिया में “इको फ्रेंडली चाय वाला” ने तहका मचा रखा है। बता दें कि “इको फ्रेंडली चाय वाला” ने महज दो महीने में अपने बिज़नेस को ऐसा सेट किया अब हर महीने लाखों रुपए की कमाई कर रहे है। दो दोस्तों ने यह बिज़नेस शुरू किया है। lockdown में नौकरी जाने के बाद आगरा के रहने वालो दो दोस्तों ने इस बिज़नेस की शुरुआत करने का सोचा। उसके बाद क्या था एमबीए चायवाला के बाद “इको फ्रेंडली चाय वाला” ने अपने अनोखे टेस्ट और यूनिक नाम के चलते बहुत कम वक्त में अपनी एक अलग पहचान बना ली।

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15 तरह की चाय मिलती है

Eco-friendly tea shop opened : आपको बता दें कि “इको फ्रेंडली चाय वाला” के पास आपको करीबन 15 तरह की चाय पीने को मिलेगी। जिसका कीमत महज 15 रुपए से शुरू होता है। इसके साथ ही यहां पर जो लोग चाय पिने आते है उन्हें कुल्हड़ को खाना भी पड़ता है। बता दें कि अनोखे नाम की तरह यहां पर सर्विस भी काफी अलग है। आगरा में चाय के शौकीन को “इको फ्रेंडली चाय वाला” कैफे की कुल्हड़ की चाय काफी पसंद आ रही है। यहां लोग चाय पीने के बाद खुशी से कुल्हड़ भी खा रहे हैं। बता दें कि कुल्हड़ को चावल से बनाया गया है, जो पूरी तरह से खाने योग्य है। दो दोस्त आशीष पराशर और ओम झा ने स्टार्टअप शुरू किया है।

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रील देख मिला नाम रखने का सुझाव

Eco-friendly tea shop opened : वही अपने स्टार्टअप के बारे में बात करते हुए कैफ़े के मालिक ने बताया कि “एक दिन फेसबुक पर रील देख रहा था। उसमें एक रील दिखाई दी। जिसमें चाय के बाद लोग कप को खा रहे थे। मुझे यह रील बहुत अच्छा लगा। इसके बाद दोस्त के साथ मिलकर खाने वाले कुल्हड़ की चाय कैफे खोलने का मन बनाया। खाने वाले कप में तीन तरह के फ्लेवर में हैं। इसके अलावा करीब 15 तरह की चाय मिलती है। हर चाय का रेट 15 रुपए से शुरू होता है। एक दिन में करीब 400 कप चाय बेच लेता हूं। कप को खाने पर इलायची और चॉकलेट का स्वाद आता है।”

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तमिलनाडु से मंगाए कप

Eco-friendly tea shop opened : आशीष ने बताया,” एक दिन फेसबुक पर रील देख रहा था। इसी दौरान एक रील दिखाई दी। जिसमें लोग चाय के कप को खा रहे थे। मुझे चाय का कप कुछ अलग लगा। इसके बाद दोस्त के साथ मिलकर खाने वाले कुल्हड़ की चाय कैफे खोलने का मन बनाया। दोनों दोस्तों ने उस रील वाले व्यक्ति से संपर्क किया। वो तमिलनाडु के निकले। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में चावल से चाय के खाने वाले कप बनाए जाते हैं। जिस तरह आइसक्रीम की सॉफ्टी बनती है, उसी तरह ये कप बनते हैं। उनको इस कप में लोगों को चाय सर्व करने का आइडिया अच्छा लगा।”

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जानें क्या है नाम के पीछे का सेक्रेट

Eco-friendly tea shop opened ; ओम झा ने बताया कि पढ़ाई के दौरान वह अक्सर चाय पीते थे, तो प्लास्टिक के कप में चाय मिलती थी। जब उन्होंने प्लास्टिक कप में चाय पीने के हानि के बारे में पता चला तो उन्होंने प्लास्टिक कप में चाय पीना छोड़ दिया था। लोगों को पता नहीं कि प्लास्टिक कप में चाय या प्लास्टिक थैली में गर्म खाना पैक कराने से शरीर को बहुत नुकसान होता है। ऐसे में उन्होंने अपने स्टार्ट अप में प्लास्टिक और कागज के कप को इस्तेमाल न करने का मन बनाया। स्टार्ट अप का नाम भी “ईको फ्रेंडली चाय” वाला रखा।

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खाने वाला कप 15 मिनट तक नहीं गलता

Eco-friendly tea shop opened ; आशीष ने बताया कि उनके यहां पर चावल के कप और मिट्‌टी से बने कुल्हड़ में चाय मिलती है। इसके अलावा उनके यहां पर जो भी ब्रेक फास्ट या खाना दिया जाता है, वो भी मिट्‌टी के बर्तन में दिया जाता है। ये खाने वाला कप 15 मिनट तक नहीं गलता है। इसमें आराम से चाय पी सकते हैं। इस कप का फायदा ये है कि चाय पीने के बाद इससे गंदगी भी नहीं होती है। लोगों को ये बहुत पसंद आ रहा है।