चतुर चूहे ने बचाई हजारों लोगों की जान, अब तक 71 लैंड माइंस का लगा चुका है पता, मिल चुका है सर्वोत्‍तम नागरिक का पुरस्‍कार

चतुर चूहे ने बचाई हजारों लोगों की जान, अब तक 71 लैंड माइंस का लगा चुका है पता, मिल चुका है सर्वोत्‍तम नागरिक का पुरस्‍कार

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  • Publish Date - June 6, 2021 / 01:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

नई दिल्ली। आपने बहादुरी की कई कहानियां सुनी होंगी, लेकिन यह कहानी बिल्‍कुल अलग है। देश की रक्षा के लिए आर्मी के जानों के साथ इंटेलीजेंस एजेंसिया अपना योगदान देती हैं। इसमें कई सारे जानवरों को भी प्रशिक्षित किया जाता है। हालांकि जो हम आपको बताने जा रहे हैं, उस पर आपको सहज विश्वास नहीं होगा, पर ये सच है। दरअसल 1970 से 1980 के दशक में कंबोडिया में भीषण गृहयुद्ध के हालात थे। उस समय दुश्मनों के खात्मे के लिए बारूदी सुरंगे बिछाई गईं थीं। कई हादसों में यहां दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी। इन बारूदी सुरंगों को खोजने के लिए मगावा की मदद ली गई थी।

कंबोडिया में एक अद्भुत चूहे ‘मगावा’ ने 71 बारूदी सुरंगों की जानकारी देकर लाखों लोगों के प्राणों की रक्षा की है। मगावा को दुनिया का सबसे बहादुर चूहा माना जाता है। हालांकि अब यह चूहा सेवानिवृत्त हो चुका है। अफ्रीकी नस्ल के इस चूहे की चतुराई के किस्से पूरी दुनिया में सुनाए जाते हैं। इसे बे‍ल्जियम के एक एनजीओ एपीओपीओ ने लैंड माइंस का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया था।

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मगावा (Magawa) नाम के इस 7 वर्षीय चूहे को उसकी अनोखी क्षमती के लिए ब्रिटिश चैरिटी का टॉप सिविलियन अवॉर्ड भी मिल चुका है। बता दें कि इससे पहले तक यह पुरस्कार केवल कुत्‍तों को उनकीअदभुत क्षमता और बहादुरी के लिए दिया जाता था। बता दें कि मगावा नामके इस चूहे को उस समय ट्रेनिंग दी गई थी, जब दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में बारूदी सुरंगों का पता लगाना था। मगावा ने ट्रेनिंग के बाद 71 बारूदी सुरंगों का पता लगाया ।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस छोटे से चूहे ने अपने सूंघने की अद्भभुत क्षमता के बल पर तकरीबन 1.4 लाख वर्ग मीटर भूमि को सुरंग मुक्‍त बनाने में सहायती की है। इस चूहे ने 28 सक्रिय विस्फोटकों का भी पता लगाया है। एपीओपीओ ने कहा है कि वैसे तो इस काम के लिए अन्य चूहों को भी ट्रेनिंग दी जा सकती थी। लेकिन अफ्रीकन चूहे इस तरह के कार्य के लिए बेहतर माने जाते हैं।

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चतुराई भरे कामों को बखूबी अंजाम देने के बाद अब मगावा चूहा सेवानिवृत्त होने जा रहा है। मगावा के हैंडलर मालेन का कहना है, ‘मगावा का प्रदर्शन अद्भुत रहा है। मुझे उसके साथ काम करने में बहुत गर्व होता है, क्‍योंकि इतना छोटा होने के बाद भी इसने हजारों लोगों की जान बचाने में सहायता की है। उसकी सेहत अब भी अच्‍छी है लेकिन अब उसके सेवानिवृत्त होने का वक्त आ गया है। हालांकि उसकी कमी को पूरा करना आसान नहीं है, लेकिन चैरिटी ने कुछ नए रंगरूटों को भर्ती किया है.’ ।