चीन से चेन्नै पहुंची बिल्ली पर विवाद, वापस भेजने पर अड़े बंदरगाह के अधिकारी

चीन से चेन्नै पहुंची बिल्ली पर विवाद, वापस भेजने पर अड़े बंदरगाह के अधिकारी

चीन से चेन्नै पहुंची बिल्ली पर विवाद, वापस भेजने पर अड़े बंदरगाह के अधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: March 3, 2020 6:03 pm IST

चेन्‍नै। चेन्‍नै में एक बिल्‍ली ने अजीब विवाद खड़ा कर दिया है, देश में कोरोना वायरस की वजह से जहां अफरातफरी का माहौल है वहीं चेन्‍नै पोर्ट के अधिकारियों को शक है यह बिल्‍ली चीन से आए कंटेनर के साथ आई है इसलिए कोरोना से ग्रस्‍त हो सकती है, इसलिए इसे चीन वापस भेजा जाए। वहीं पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍था पेटा इसका विरोध कर रही है।

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यह बिल्‍ली चीन से 20 दिन पहले एक कंटेनर के साथ चेन्‍नै बंदरगाह आई थी। इसे चीन भेजे जाने पर इसके जीवित बचने की आशंका काफी कम है। पेटा इंडिया की रश्‍मी गोखले ने चेन्‍नै के अधिकारियों को एक खत भेजकर कहा है कि वैज्ञानिक तौर पर यह साबित हो चुका है कि बिल्लियों को न तो कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है और न ही वे इसे औरों में फैला सकती हैं।

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चूंकि चेन्‍नै के क्‍वैरंटीन अधिकारियों ने बिल्‍ली को इसके मूल देश भेजे जाने की सिफारिश की है, पेटा ने इसका इस आधार पर विरोध किया है कि यह तय करना मुश्किल है कि बिल्‍ली कंटेनर के भीतर कहां से आई। उनका तर्क है कि चीन से भारत की यात्रा 10 से 20 दिन की होती है इतने दिन में बिना खाना-पानी के बिल्‍ली का जीवित बचना मुमकिन नहीं है।

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चूंकि चीन से चेन्‍नै के लिए चला पानी का जहाज सिंगापुर, कोलंबो और दूसरी जगहों से कंटेनर उतारता-चढ़ाता आता है इसलिए बहुत मुमकिन है कि बिल्‍ली इन्‍हीं में से किसी देश से जहाज पर चढ़ी हो। पेटा इसलिए भी बिल्‍ली को चीन भेजने से इनकार कर रहा है क्‍योंकि वहां बिल्लियों को मीट और फर के लिए मारा जाता है। पेटा ने पोर्ट के अधिकारियों के लिए प्रस्‍ताव दिया है कि एक बार बिल्ली को निगरानी में रखा जाए और जरूरी टीकाकरण के बाद पेटा उसके लिए ऐसे परिवार का इंतजाम करेगी जो इस बिल्‍ली को पालने का इच्‍छुक हो।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com