भैंस के अंतिम संस्कार में पूरे गांव को कराया देसी घी का भोज, ‘लाडली’ की खूबियां जान दंग रह जाएंगे आप

Haryana news ladli bhains: एक ऐसी ही कहानी है जहां हरियाणा के चरखी दादरी में एक किसान परिवार की तीन पीढ़ियों को करीब 24 वर्ष तक मालामाल करने वाली भैंस के निधन पर विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार किया गया।।

भैंस के अंतिम संस्कार में पूरे गांव को कराया देसी घी का भोज, ‘लाडली’ की खूबियां जान दंग रह जाएंगे आप

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Modified Date: November 30, 2023 / 12:01 pm IST
Published Date: November 30, 2023 12:01 pm IST

Haryana news: यह जरूरी नहीं कि प्रेम इंसान को इंसान से ही हो यह प्रेम इंसान को जानवर से भी हो सकता है, बात जब किसान की हो तो उसके लिए जानवर ही उसकी असली पूंजी होते हैं, कई बार इन जानवरों से इतना गहरा रिश्ता बन जाता है कि वे सदियों तक नहीं भूलता। एक ऐसी ही कहानी है जहां हरियाणा के चरखी दादरी में एक किसान परिवार की तीन पीढ़ियों को करीब 24 वर्ष तक मालामाल करने वाली भैंस के निधन पर विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार किया गया।।

इस भैंस का नाम लाडली रखा गया था, उसकी मौत के बाद अस्थियां विसर्जित की गईं और तेरहवीं की भी रस्में निभाई गईं, किसान परिवार ने मृत्युभोज का आयोजन भी किया, इसके लिए बाकायदा नाते-रिश्तेदारों के अलावा ग्रामीणों को निमंत्रण भेजा गया और सभी लोगों को देशी घी से बना भोजन खिलाया गया। अब किसान परिवार के इस पालतू पशु के प्रति प्रेम की चर्चा सभी जगह हो रही है।

मिली जानकारी के अनुसार गांव चरखी निवासी किसान सुखबीर सिंह के पिता रिसाल सिंह करीब 28 वर्ष पहले एक भैंस लेकर आए थे, इससे पैदा हुई कटिया का पालन-पोषण किया और किसान के घर भैंस ने लगातार 24 बार कटिया को जन्म देकर रिकार्ड बना दिया, 28 साल पहले आई इस भैंसका दूध परिवार की तीन पीढ़ियों ने पिया और उससे जन्म लेने वाले बच्चों को तैयार करते हुए खूब सारा पैसा भी कमाया।

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भैंस को अपने परिवार का सदस्य मानता था किसान परिवार

किसान सुखबीर सिंह की माने तो वे अपनी भैंस को “लाडली” के नाम से पुकारते थे और उसे अपने परिवार का सदस्य मानते थे, किसान सुखबीर ने बताया कि भैंस के मृत्युभोज कार्यक्रम में देशी घी का खाना तैयार किया गया, इसमें चावल, लड्डू, जलेबी, गुलाब जामुन, सब्जी और पूरी शामिल थी। वहीं शादी की तरह गोल-गप्पे भी परोसे गए, किसान के अनुसार करीब चार सौ नाते-रिश्तेदार भैंस के मृत्युभोज कार्यक्रम शामिल हुए हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com