तो ये है ‘गूगल बॉय’, जिसके आगे गूगल भी है फैल, 13 साल की उम्र बनाई खास पहचान
Kautilya Pandit's made a special identity at the age of 13; टीचर हैरान हो गई थीं, जब कौटिल्य ने हर एक डेटा फटाफट याद कर लिया था.

Kautilya Pandit's brain works like a computer
Kautilya Pandit’s made a special identity at the age of 13: दिल्ली ; क्या अपने कभी किसी बच्चे को कंप्यूटर की तरह जवाब देते हुए देखा है। इस तरह का अनोखा बच्चा शायद ही कभी किसी ने देखा होगा। या फिर आप सोच रहे हो शायद ये कोई मजाक को। लेकिन ये कोई मज़ाक नहीं है आज हम आपके ऐसे ही अनोखे बच्चे के बारे में बताने जा रहे है। जिसका दिमाग इतना तेज है कि महज़ 6 साल की कम उम्र में कई विषयों से जुड़े सवालों के जवाब चुटकी देते है।
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कौटिल्य पंडित का चलता है कंप्यूटर की तरह दिमाग
Kautilya Pandit’s brain works like a computer; 6 साल की उम्र में किसी का दिमाग इतना स्ट्रंग होना अपने आप में चमत्कार है। जिस उम्र में बच्चे वर्णमाला और नर्सरी कविताएं पढ़ते हैं। उस उम्र में ये बच्चा न सिर्फ किसी एक विषय बल्कि अनेक विषय में महारत हासिल कर रखा है। आपको बता दें कि इस अनोखे बच्चे का नाम कौटिल्य पंडित है। जिसका जन्म हरियाणा प्रान्त के करनाल जिले के कोहंड़ गाँव में हुआ था। बता दें कि कौटिल्य को उनके तेज दिमाग के चलते उन्हें लोग गूगल ब्वॉय के नाम से संबोधित करते है।
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केबीसी में भी आ चुके है नजर
Kautilya Pandit’s made a special identity at the age of 13 : बता दें कि अपने तेज दिमाग के चलते कौटिल्य पंडित कौन बनेगा करोड़पति का भी हिस्सा बन चुके है। 14 अक्टूबर 2013 को कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) जैसे लोकप्रिय टीवी कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन के सामने हॉटसीट पर पहुंचकर कौटिल्य ने अपनी तेज़ बुद्धि और हाज़िरजवाबी का परिचय दिया था. उस समय मशहूर अभिनेत्री काजोल और इंडियन आइडल के फाइनलिस्टों के साथ कौटिल्य को केबीसी में बतौर मेहमान बुलाया गया था. करीब सात साल बाद अब कौटिल्य केबीसी के स्टूडेंट स्पेशल वीक के दौरान बतौर एक्सपर्ट मौजूद थे।
ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी 2020-21 अवार्ड भी मिल चुका है
Kautilya Pandit’s brain works like a computer: छोटी उम्र में ही बड़े कारनामों से कौटिल्य पंडित ने गूगल ब्वॉय के नाम से करनाल को देश दुनिया में विशेष पहचान दिलाई है। उनसे प्रेरणा लेकर न केवल बच्चों में पढ़ाई के लिए आगे बढ़ने की होड़ है बल्कि कई विश्वविद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों के प्राध्यापक भी उनसे विद्यार्थियों को नए तरीके से पढ़ाने की टिप्स लेते हैं। कौटिल्य को संयुक्त राष्ट्र संघ से ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी 2020-21 अवार्ड भी मिल चुका हैं। इसके अलावा इंग्लैंड की संसद, भारत के दो राष्ट्रपति और हरियाणा के दो मुख्यमंत्री भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।
2018 में इनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था सम्मानित
Kautilya Pandit’s brain works like a computer; इसी विशेषता के कारण ही कौटिल्य ने यूएसए, यूके, जर्मनी, ईरान, एशिया, जापान, साउथ कोरिया आदि 30 देशों के 100 जीनियस बच्चों में जगह बनाते हुए ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी 2020-21 अवार्ड प्राप्त किया। कौटिल्य ने बताया कि 29 अगस्त 2020 को संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहेम ने यह पुरस्कार दिया था, 2018 में इनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा चैंपियन ऑफ द अर्थ अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं।
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कौटिल्य की प्रतिभा और शुरूआत
Kautilya Pandit’s made a special identity at the age of 13: फोटोग्राफिक याददाश्त रखने वाले कौटिल्य के बारे में कहा जाता है कि वह जो चीज़ एक बार देख ले या पढ़ ले, वो उसे याद रह जाती है. उसका आईक्यू 130 के करीब माना जाता है, जो उसकी उम्र के बच्चों की तुलना में बहुत ज़्यादा है. कौटिल्य की इस प्रतिभा का पता तब चला था जब उसकी टीचर ने एटलस समझने और सीखने को दिया था. टीचर हैरान हो गई थीं, जब कौटिल्य ने हर एक डेटा फटाफट याद कर लिया था.