इस गांव में जूते-चप्पल पहनने पर मिलती है अजीबो-गरीब सजा, सदियों से चली आ रही है ये परंपरा
इस गांव में जूते-चप्पल पहनने पर मिलती है अजीबो- गरीब सजा, सदियों से चली आ रही है ये परंपरा! There is a ban on wearing Kalimayan shoes
नई दिल्ली: दुनिया 21वी सदीं में प्रवेश कर चुकी है,पर पुरानी परंपराएं आज भी कालजयी बनी हुई हैं। इसमे भारत अपनी विश्व में अपनी विविधताओं के लिये प्रसिद्ध है,जहां अलग-अलग संस्कृतियों को मानने वाले लोग रहते जिनकी अलग-अलग मान्यतायें हैं। दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 400 कीलोमीटर दुर में ऐसा ही एक गांव हैं, ‘कलिमायन’ जहां, प्रारंभ से ही नंगे पाांव रहने की प्रथा चली आ रही है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
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पूरी दुनिया में जहां फुटवियर सुंदरता और पैरों की सुरक्षा के लिये मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, वहीें इस गांव लोग पैरों मे जूते चप्पल पहनना अपने देवता का अपमान समझते हैं। इतना ही नहीं यदि यहां किसी के पैर मे जूते-चप्पल दिख जाये तो उन्हे सजा दी जाती है।
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किसान बाहुल्य इस गांव मे करीब सवा सौ परिवार निवास करता है। जिनकी धार्मिक मान्यता है कि उनका पूरा गांव भगवान का घर है। दरअसल, इस गांव के बाहर एक बड़ा सा पेड़ है जिसकी पूजा-पाठ गांव के लोग बड़ी आस्था से करते हैं। इन्हे लगता है जूते पहन कर चलेंगे तो उनके भगवान का अपमान होगा और वो गांव वालों से नाराज हो जाएंगे। गांव मे प्रवेश करते ही सीमा पर गांव वाले अपना जूता—चप्पल उतार देते हैं। गर्मी,बरसात हो या ठंड ये लोग गांव में खाली पैर ही घूमते हैं।
हालांकि गर्मी के दिनों में गांव के बुजुर्गों को दोपहर मे जूता-चप्पल पहनने की छूट दी गयी है। गांव मे ऐसी किवंदतियां कि गांव मे जूते—चप्पल पहन कर चलेंगे तो उनके भगवान तन रूठ जाऐंगे और कठोर सजा देंगे उन्हे बुखार या कोई गम्भीर बीमारी हो जाएगी।

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