Assembly Election 2023: ‘OBC वोटर्स जिसके साथ सत्ता उसके पास’ पिछड़ा वर्ग तय करेगा किसकी होगी सरकार, जानिए क्या है गणित
'OBC वोटर्स जिसके साथ सत्ता उसके पास' पिछड़ा वर्ग तय करेगा किसकी होगी सरकार, जानिए क्या है गणित! OBC Voters will prove Game Changer
रायपुर: OBC Voters will prove Game Changer देश में जातीय जनगणना पर बहस छिड़ी हुई है। कांग्रेस ओबीसी की राजनीतिक भागीदारी पर आवाज बुलंद कर रही है, तो बीजेपी महिला आरक्षण पर चुनावी माहौल बना रही है। यानी MP-CG समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी मैदान तैयार किया जा रहा है। उनके चुनावी एजेंडे में OBC वोटर्स पहली लिस्ट में है तो क्या OBC वोटर्स के सहारे पार लगेगी राजनीतिक दलों की नाव?
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OBC Voters will prove Game Changer जब से बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है तब से MP-CG में राजनीति में इसे लेकर बवाल मचा हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों खुद को OBC वर्ग का हिमायती और सामने वाले को घोर विरोधी साबित करने में जुटा है। बात करें मध्यप्रदेश की तो बीजेपी नेता दिन रात यही कह रहे हैं कि जितना ओबीसी को नेतृत्व बीजेपी ने दिया है उतना कांग्रेस की सरकारों ने नहीं दिया है। मिसाल के तौर पर मोदी से लेकर शिवराज सिंह चौहान तक ओबीसी समाज से आने वाले नेता हैं।
हालांकि मध्यप्रदेश कांग्रेस ओबीसी कैटेगरी को 27 फीसदी आरक्षण देने के मामले में माइलेज लेती रही है। अब बिहार का उदाहरण देकर कांग्रेस दावा कर रही है कि मध्यप्रदेश में सरकार बनने के बाद जातिगत जनगणना भी होगी। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां भी जातिगत जनगणना के बहाने ओबीसी वोटर्स का हमदर्द बनने की कोशिशें लगातार हो रही है। कांकेर में प्रियंका गांधी के जातिगत जनगणना कराने का वादा किया, तो अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी को आरक्षण विरोधी बताते हुए सवाल पूछा कि केंद्र सरकार जनगणना क्यों नहीं करा रही है।
बहरहाल छत्तीसगढ़ हो या फिर मध्यप्रदेश दोनों राज्यों में ओबीसी वोटर्स निर्णायक हैं। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी इसी वर्ग से आते हैं। अब जब चुनाव नजदीक है तो जातिगत जनगणना के बहाने खुद को इस वर्ग का सबसे बड़ा हिमायती बताने की होड़ लगी है। सबका प्रयास यही है कि जातीय आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाकर उस वोट बैंक को साधा जाए, जिसकी आबादी दोनों प्रदेशों में सबसे ज्यादा है यानी ओबीसी।

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