Chunavi Chaupal in Bilha : इस विधानसभा सीट की जीत से तय होता है किसकी बनेगी प्रदेश में सरकार, जानिए क्या कहते हैं अब तक के आंकड़े

Chunavi Chaupal : इस विधानसभा सीट की जीत से तय होता है किसकी बनेगी प्रदेश में सरकार, : Chunavi Chaupal: Chunavi mood of people of Bilha assembly seat of Bilaspur

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  • Publish Date - February 4, 2023 / 07:28 PM IST,
    Updated On - February 20, 2023 / 08:06 PM IST

रायपुरः साल 2023 राजनीतिक दृष्टिकोण से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बेहद खास है। इन दोनों राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। सभी राजनीतिक दल दोनों राज्यों को जीतने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। एक ओर भाजपा अपने संगठन में फेरबदल करने के बाद फिर सत्ता पर काबिज होना चाह रही है। वहीं कांग्रेस राज्य सरकार की योजनाओं के जरिए दोबारा सरकार पर आना चाहेगी।

चुनाव के इस साल में IBC24 एक बार फिर आपके पास पहुंच रहा है। हम अपने कार्यक्रम चुनावी चौपाल के जरिए आपसे संवाद कर आपके मुद्दों को जानेंगे। हर दिन हम दोनों राज्यों के एक-एक सीट पर जाकर मतदाताओं और जिम्मेदारों से बात करेंगे और उनका चुनावी मूड जानने की कोशिश करेंगे।

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छत्तीसगढ़ के बिल्हा विधानसभा सीट पर IBC 24 का चुनावी चौपाल

बिल्हा विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की एक सीट है। ये बिलासपुर लोकसभा सीट का हिस्सा है, जो केंद्रीय इलाके में पड़ता है। यह सीट जनरल के लिए है। इस सीट को सामान्य सीट होने के बाद भी अनुसूचित बाहुल्य सीट मानी जाती है। वहीं पिछड़ा वर्ग में कुर्मी, लोधी, साहू की अच्छी उपस्थिति है। इसके अलावा सामान्य वर्ग एवं अन्य जाति के लोग भी यहां निवास करते हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही कुछ चुनावों से यहां कुर्मी नेताओं पर दांव लगाती आ रही है। वर्तमान में यहां से भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिश विधायक हैं।

सन 1952 के बाद से यह सीट पिछड़ा वर्ग के नेताओं के खाते में रही है और दिवंगत चित्रकांत जायसवाल यहां से जीतकर अविभाजित मध्य प्रदेश में जलसंसाधन मंत्री बने थे। इसी तरह अशोक राव एक बार जनता दल से अपना जीत का खाता यहां से खोले और दूबारा कांग्रेस की टिकट से जीतकर दिग्विजय मंत्रीमंडल में स्वास्थ्य मंत्री बने। 1993 के चुनाव में कांग्रेस के अशोक राव से हारने के बाद धरमलाल 1998 में राव को हराकर विधानसभा पहुंचे।

क्या कहते हैं पिछले चुनाव के नतीजे

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में लहर होने के बाद भी इस सीट को भाजपा अपने खाते में ले गई थी। बिल्हा विधानसभा सीट बीजेपी के धर्मलाल कौशिक जीतने में कामयाब रहे। उन्होंने 29524 वोटों से जीत हासिल की है। बीजेपी धर्मलाल कौशिक को 84431 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के राजेंद्र शुक्ला को 57907 वोट मिले थे।

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2013 के नतीजे

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सियाराम कौशिक ने बीजेपी के धरमलाल कत के करारी मात दी थी। कांग्रेस के सियाराम कौशिश को 83598 वोट मिले थे। वहीं, बीजेपी के धरमपाल कौशिश को 72630 वोट मिले थे।

2008 के चुनाव नतीजे

2008 के चुनाव में फिर दोनों कौशिक आमने- सामने थे। इस बार धरमलाल ने करीब छह हजार मतों के अंतर से सियाराम को पटखनी दी थी। बीजेपी के धरमलाल कौशिश को 62517 मत मिले थे। जबकि कांग्रेस के सियाराम कौशिश को 56447 मत मिले थे।

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2003 के चुनाव परिणाम

2003 कांग्रेस ने धरमलाल के मुकाबले सियाराम को उतारा। सियाराम करीब साढ़े छह हजार मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस के सियाराम को 48028 वोट मिले थे। वहीं, बीजेपी के धरमलाल कौशिश को 41477 मिले था।

इस बार क्या कहती है बिल्हा की जनता

चुनावी चौपाल के जरिए IBC24 ने बिल्हा विधानसभा के स्थानीय लोगों से विभिन्न मुद्दों पर बात की। विकास के सवाल पर जनता ने कहा कि बीते 4 सालों में यहां विकास के काम ठप्प पड़े हैं। नगर पंचायत में विधायक ने एक ईट भी नहीं रखा है। कमी के सवाल पर स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां बच्चों के खेलने के लिए मैदान नहीं है। इसके अलावा हर इलाके में गंदगी फैला हुआ है। एक स्थानीय महिला ने राज्य सरकार को लेकर कहा कि सरकार ने यहां विकास के नहीं हुई है। शराब बंदी नहीं की।

विकासकार्यों को लेकर एक नागरिक ने कहा कि हमारे क्षेत्रीय विधायक चाहते तो ट्रेन को बिल्हा स्टेशन में रुकवाकर जनता को राहत दे सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक छात्र ने कहा कि यहां के महाविद्यालय के हॉस्टल में लोकार्पण नहीं हो पाया और अंदर के सामान चोरी हो गए हैं।