karnataka assembly election : कर्नाटक में थमा चुनाव प्रचार का शोर, कल 224 सीटों पर होगी वोटिंग, 13 मई को आएगा परिणाम
karnataka assembly election! karnataka assembly election : कर्नाटक में थमा चुनाव प्रचार का शोर, कल 224 सीटों पर होगी वोटिंग
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बेंगलुरु: karnataka assembly election कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के तहत करीब एक महीने चले प्रचार अभियान के बाद अब प्रदेश की जनता की बारी आई है जो बुधवार को अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर उम्मीदवारों के चुनावी भविष्य को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद करेगी। इसके बाद 13 मई को पता चलेगा कि कर्नाटक की सत्ता का ताज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बरकरार रख पाती है या कांग्रेस उससे यह ताज छीनने में सफल रहती है या फिर तीसरी ताकत के रूप में जनता दल (सेक्युलर) इसकी कुंजी अपने पास रखता है।
karnataka assembly election राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए प्रदेश की जनता 10 मई को अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेगी। मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। राज्य भर में 58,545 मतदान केंद्रों पर कुल 5,31,33,054 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। ये मतदाता 2,615 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत तय करेंगे। मतदाताओं में 2,67,28,053 पुरुष, 2,64,00,074 महिलाएं और 4,927 ‘अन्य’ हैं। उम्मीदवारों में 2,430 पुरुष, 184 महिलाएं और एक उम्मीदवार अन्य लिंग से हैं। राज्य में 11,71,558 युवा मतदाता हैं, जबकि 5,71,281 दिव्यांग और 12,15,920 मतदाता 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार सत्तारूढ़ भाजपा की कोशिश 38 साल के उस मिथक को तोड़ने की है जिसमें प्रदेश की जनता ने किसी भी सत्ताधारी पार्टी को वापस सत्ता में बिठाने से परहेज किया है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दक्षिण के अपने इस गढ़ को बरकरार रखने के लिए भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में करीब डेढ़ दर्जन चुनावी जनसभाओं और आधा दर्जन से अधिक रोड शो के जरिए फिर से जनता का विश्वास हासिल करने का प्रयास किया वहीं कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में खुद को मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के लिए उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने पूरे राज्य में जनसभाएं की। राहुल और प्रियंका ने कई रोड शो भी किए। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने प्रचार अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बहरहाल, इन दोनों दलों के अलावा सबकी नजर पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) पर भी है। जानकारों का कहना है कि त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में सरकार गठन की कुंजी उसी के हाथों में होगी। पूर्व के चुनावों में भी राज्य में कई अवसरों पर यह स्थिति उभर चुकी है। चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने ‘पूर्ण बहुमत वाली सरकार’ का नारा जोरशोर से बुलंद किया। मतदान के दौरान कुल 75,603 बैलेट यूनिट (बीयू), 70,300 कंट्रोल यूनिट (सीयू) और 76,202 वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया जाना है। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं निर्बाध चुनाव के लिए राज्य भर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और पड़ोसी राज्यों से बलों को तैनात किया गया है।

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