सांप्रदायिकता को दूर रखें, तो नीतीश का साथ देगी एआईएमआईएम : ओवैसी

सांप्रदायिकता को दूर रखें, तो नीतीश का साथ देगी एआईएमआईएम : ओवैसी

सांप्रदायिकता को दूर रखें, तो नीतीश का साथ देगी एआईएमआईएम : ओवैसी
Modified Date: November 23, 2025 / 06:10 pm IST
Published Date: November 23, 2025 6:10 pm IST

पटना, 23 नवंबर (भाषा) एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वादा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र के साथ “न्याय” करें और “सांप्रदायिकता” को दूर रखें, तो उनकी पार्टी बिहार में राजग सरकार को “पूर्ण सहयोग” देगी।

हैदराबाद के सांसद ने सीमांचल के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान यह टिप्पणी की। सीमांचल बिहार का पूर्वोत्तर क्षेत्र है, जहां से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पांच उम्मीदवारों ने हाल के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है।

ओवैसी ने कहा, “हम पटना में बनी नई सरकार को शुभकामनाएं देते हैं। हम पूरा सहयोग देने का वादा भी कर सकते हैं, बशर्ते वह सीमांचल क्षेत्र के साथ न्याय करे और सांप्रदायिकता को भी दूर रखे।”

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सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सबसे बड़ी साझेदार भाजपा आरोप लगाती रही है कि सीमांचल में बड़े पैमाने पर “घुसपैठ” हो रही है, जिससे क्षेत्र में “जनसांख्यिकीय असंतुलन” पैदा हो रहा है।

ओवैसी ने कहा, “एआईएमआईएम सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि सीमांचल में रहने वाले सभी लोगों के लिए लड़ती रही है, जहां दलितों और आदिवासियों की भी अच्छी आबादी है। हम उम्मीद करते हैं कि नई सरकार इस उपेक्षित क्षेत्र पर ध्यान देगी और पटना और राजगीर तक ही सीमित नहीं रहेगी।”

राजगीर नालंदा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थल है, जहां से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आते हैं, और पिछले कुछ वर्षों में इसे कई सुविधाओं के विकास के लिए चुना गया है, जिसमें एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और एक फिल्म सिटी भी शामिल है।

ओवैसी ने ‘इंडिया’ गठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा, जिसने विधानसभा चुनावों में गठबंधन के लिए एआईएमआईएम के अनुरोध को ठुकरा दिया था।

उन्होंने कहा, “यह साबित हो गया है कि जो लोग भाजपा को रोकने के नाम पर मुसलमानों के वोट मांगते हैं, वे उस पार्टी को नहीं रोक पाएंगे। इसलिए, जो लोग एमवाई (मुस्लिम यादव) गठबंधन पर भरोसा कर रहे हैं, उन्हें पुनर्विचार करना चाहिए।”

विधानसभा चुनावों में राजद की सीटें घटकर 25 रह गईं, जो पांच साल पहले के 75 सीटों के आंकड़े का महज एक तिहाई है।

भाषा

प्रशांत दिलीप

दिलीप


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