Bihar Voter List: न आधार काम आएगा.. न राशन कार्ड, इन 11 दस्तावेजों के जरिए जुड़ेगा मतदाता सूची में नाम…देखें पूरी लिस्ट

Bihar Voter List: इलेक्शन कमीशन ने मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए 'विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025' शुरू किया है। इस अभियान के जरिए मतदाताओं से पहचान के लिए कुछ दस्तावेजों की मांग की जा रही है

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  • Publish Date - July 4, 2025 / 11:34 PM IST,
    Updated On - July 4, 2025 / 11:35 PM IST

Bihar Voter List. image source: file image

HIGHLIGHTS
  • विधानसभा चुनावों से पूर्व मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव
  • राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई
  • 'विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025' शुरू

पटना: Bihar Voter List update, बिहार में आने वाले विधानसभा चुनावों से पूर्व मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं। अब इस बात को लेकर विपक्षी दलों ने गंभीर आपत्ति जताई है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से जुड़े कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और आशंका जाहिर की है कि इस प्रक्रिया के चलते करीब दो करोड़ मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हट सकते हैं।

इलेक्शन कमीशन ने मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए ‘विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025’ शुरू किया है। इस अभियान के जरिए मतदाताओं से पहचान के लिए कुछ दस्तावेजों की मांग की जा रही है। लेकिन इस बार आयोग ने आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और मनरेगा कार्ड जैसे अब तक मान्य दस्तावेजों को अस्वीकार कर दिया है। यही वजह है कि विपक्षी पार्टियों ने इसे जनविरोधी और अलोकतांत्रिक बताया है।

केवल ये दस्तावेज होंगे मान्य

नए नियमों के अनुसार, वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने या सत्यापन के लिए केवल 11 दस्तावेज मान्य किए जाएंगे।

1. सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगियों का पहचान पत्र

2. पासपोर्ट

3. 1 जुलाई 1987 से पहले जारी बैंक, डाकघर या एलआईसी का प्रमाण पत्र

4. जन्म प्रमाण पत्र

5. शैक्षिक प्रमाण पत्र (मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से)

6. स्थाई निवास प्रमाण पत्र

7. वन अधिकार पत्र

8. जाति प्रमाण पत्र

9. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)

10. भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र

11. पारिवारिक रजिस्टर (राज्य सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा तैयार)

इसे लेकर इलेक्शन कमीशन ने बूथ लेवल ऑफिसरों (BLOs) को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर पहचान सुनिश्चित करें। यह कार्य 26 जुलाई 2025 तक पूरा करना होगा।

अन्य राज्यों में भी अपनायी जाएगी यह प्रक्रिया

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान किसी को बाहर करने के लिए नहीं, बल्कि पात्र मतदाताओं को जोड़ने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने इसे पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में 22 वर्षों के बाद ऐसा व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है वोटर लिस्ट को अधिक सटीक और अद्यतन बनाना।

बिहार के बाद यह प्रक्रिया असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी लागू की जाएगी, जहां अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।

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वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या सत्यापन के लिए अब कौन-कौन से दस्तावेज मान्य हैं?

चुनाव आयोग ने 11 दस्तावेजों को ही मान्यता दी है, जो इस प्रकार हैं: सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगियों का पहचान पत्र पासपोर्ट 1 जुलाई 1987 से पहले बैंक/डाकघर/LIC का प्रमाण पत्र जन्म प्रमाण पत्र शैक्षिक प्रमाण पत्र (बोर्ड/विश्वविद्यालय से) स्थाई निवास प्रमाण पत्र वन अधिकार प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र राज्य या स्थानीय निकाय द्वारा तैयार पारिवारिक रजिस्टर

क्या आधार कार्ड, वोटर ID, ड्राइविंग लाइसेंस अब मान्य नहीं हैं?

नहीं। इस विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025 के तहत, आधार कार्ड, वोटर ID, ड्राइविंग लाइसेंस, और मनरेगा कार्ड जैसे अब तक मान्य दस्तावेजों को इस बार अस्वीकार कर दिया गया है।

इस प्रक्रिया को पूरा करने की अंतिम तिथि क्या है?

यह अभियान 26 जुलाई 2025 तक चलाया जाएगा। इस तारीख तक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) संबंधित दस्तावेजों के आधार पर मतदाताओं की पहचान और सत्यापन का कार्य पूरा करेंगे।

विपक्ष क्यों कर रहा है इसका विरोध?

INDIA गठबंधन के कई दलों का कहना है कि इन नए दस्तावेज़ों की शर्तों के कारण लगभग 2 करोड़ लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हट सकते हैं, क्योंकि आम नागरिकों के पास ये दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। वे इसे जनविरोधी और लोकतंत्र विरोधी कदम मान रहे हैं।

क्या यह प्रक्रिया केवल बिहार में ही होगी?

नहीं। बिहार के बाद यह प्रक्रिया असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी लागू की जाएगी, जहां अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।