बिहार के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने अपराध बढ़ने को कृषि श्रमिकों की मौसमी बेरोजगारी से जोड़ा; विवाद

बिहार के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने अपराध बढ़ने को कृषि श्रमिकों की मौसमी बेरोजगारी से जोड़ा; विवाद

बिहार के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने अपराध बढ़ने को कृषि श्रमिकों की मौसमी बेरोजगारी से जोड़ा; विवाद
Modified Date: July 17, 2025 / 07:08 pm IST
Published Date: July 17, 2025 7:08 pm IST

पटना, 17 जुलाई (भाषा) बिहार के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने राज्य में अपराध की घटनाओं में हालिया वृद्धि के लिए कृषि श्रमिकों में मौसमी बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) कुंदन कृष्णन ने बुधवार शाम पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘बिहार में फसल के केवल दो प्रमुख मौसम होते हैं। चूंकि अप्रैल और जून के बीच फसल का मौसम नहीं होता, इसलिए ज्यादातर कृषि श्रमिक इस दौरान बेरोजगार रहते हैं। नतीजतन, भूमि से जुड़ी झड़पें बढ़ जाती हैं। उनमें से कुछ, खासकर युवा, जल्दी पैसे कमाने के लिए सुपारी लेकर हत्याएं भी करते हैं।’’

उनकी इस टिप्पणी से सोशल मीडिया पर रोष फैल गया और कई लोगों ने अधिकारी पर कानून व्यवस्था बरकरार रखने में नाकाम रहने का बहाना बनाने का आरोप लगाया।

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बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा संपर्क किए जाने पर एडीजी (कानून व्यवस्था) ने कहा, ‘‘मैंने जो कुछ भी कहा है, वह आंकड़ों पर आधारित है। जरूरत पड़ने पर मैं यह प्रदर्शित करने के लिए आंकड़े पेश करूंगा कि साल की उक्त अवधि के दौरान आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती हैं।’’

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश


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