भाजपा ने ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर राजद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई

भाजपा ने ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर राजद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई

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  • Publish Date - November 11, 2025 / 07:12 PM IST,
    Updated On - November 11, 2025 / 07:12 PM IST

पटना, 11 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खिलाफ निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि राजद ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से आदर्श आचार संहिता और कुछ अन्य कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए लिखित शिकायत पत्र में भाजपा ने कहा कि राजद का यह पोस्ट ‘‘मतदान के दिन मतदाताओं की धारणा को प्रभावित करने का सुनियोजित प्रयास’’ है और ऐसे कृत्य ‘‘लोकतंत्र की जड़ों पर प्रहार करते हैं’’।

भाजपा की शिकायत से पहले, राजद ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में दावा किया था कि भाजपा और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के कार्यकर्ता जनता दल (यूनाइटेड) के लिए मतदान नहीं करवा रहे हैं और इसके विपरीत जद(यू) के कार्यकर्ता भी भाजपा के पक्ष में वोट नहीं डलवा रहे हैं। पोस्ट में यह भी कहा गया था कि इन तीनों दलों के किसी भी नेता ने इस दावे का खंडन नहीं किया है।

भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा कि ‘‘यह पोस्ट झूठे आरोप लगाता है कि भाजपा और लोजपा के कार्यकर्ता जद(यू) के पक्ष में मतदान को रोक रहे हैं, जबकि जद(यू) कार्यकर्ता भाजपा के लिए वोट नहीं पड़ने दे रहे हैं।’’

पार्टी ने इस पोस्ट को ‘‘पूरी तरह निराधार और मनगढ़ंत’’ बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) गठबंधन सहयोगियों के बीच अविश्वास और फूट पैदा करना, मतदाताओं को भ्रमित करना, मतदान के दिन साम्प्रदायिक सौहार्द और चुनावी शांति भंग करना है।

भाजपा ने आरोप लगाया कि राजद का यह पोस्ट जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(4) और 171(जी) का उल्लंघन करता है। धारा 123(4) के तहत किसी उम्मीदवार या दल के बारे में झूठे बयान को भ्रष्ट आचरण माना जाता है, जबकि धारा 171(जी) चुनाव से जुड़े झूठे बयान के प्रकाशन को दंडनीय अपराध बनाती है।

भाजपा ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि वह इस संबंध में उचित कार्रवाई करे, जिसमें संबंधित पोस्ट को मेटा प्लेटफॉर्म से हटवाना, राजद को कारण बताओ नोटिस जारी करना और तथ्यों की जांच का निर्देश देना शामिल है।

भाषा कैलाश अमित हक

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