पटना, दो दिसंबर (भाषा) भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार को मंगलवार को सर्वसम्मति से 18वीं बिहार विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। प्रोटेम स्पीकर नरेन्द्र नारायण यादव ने सदन को सूचित किया कि अध्यक्ष पद के लिए प्रेम कुमार ही एकमात्र उम्मीदवार थे।
इसके बाद, उन्हें ध्वनि मत से “सर्वसम्मति से निर्वाचित” घोषित किया गया। गया टाउन सीट से हाल ही में लगातार नौवीं बार विजयी हुए प्रेम कुमार को परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अध्यक्ष के आसन तक पहुंचाया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुमार को अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बिहार विधानसभा के लिए एक सकारात्मक संकेत है और इससे राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राजू तिवारी, कांग्रेस विधायक दल के नेता मनोहर सिंह, हम की दीपा मांझी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अख्तरूल ईमान, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) की स्नेहलता, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के अरुण सिंह, माकपा के अजय कुमार, आईआईपी के आई.पी. गुप्ता, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कुमार सर्वजीत ने भी अध्यक्ष को बधाई दी।
अध्यक्ष चुने जाने के बाद प्रेम कुमार ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य विधानसभा की कार्यवाही को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और अनुशासित बनाना है। उन्होंने सभी दलों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सदन लोकतंत्र की आत्मा है, जिसकी गरिमा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के संचालन में अनुशासन, परंपरा और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है।
प्रेम कुमार ने कहा कि आज का सत्र केवल नए अध्यक्ष के चुनाव के कारण ही महत्वपूर्ण नहीं रहा, बल्कि इसने बिहार की राजनीति में संवाद, गरिमा और राजनीतिक परिपक्वता के महत्व को भी रेखांकित किया है।
गयाजी टाउन सीट से लगातार नौवीं बार विजयी हुए प्रेम कुमार पहली बार 1990 में विधायक बने थे। इसके बाद 1995, 2000, 2005 (फरवरी और अक्टूबर), 2010, 2015, 2020 और 2025 में उन्होंने लगातार जीत दर्ज की। वे अति पिछड़ा वर्ग के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वह 2005 से 2024 तक बिहार सरकार में कृषि, पथ निर्माण, नगर विकास, सहकारिता और पर्यावरण सहित 10 विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
भाषा कैलाश प्रशांत
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