पटना, 26 दिसंबर (भाषा) बिहार कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी और अवैध भंडारण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों को समय पर और उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
प्रधान सचिव ने बताया कि उर्वरकों की कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कृषि विभाग जिला प्रशासन और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ समन्वय स्थापित कर लगातार छापेमारी अभियान चला रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मुख्यालय स्तर से गठित उड़नदस्ता (फ्लाइंग स्क्वॉड) के दल नियमित रूप से विभिन्न जिलों और प्रखंडों में उर्वरक प्रतिष्ठानों, गोदामों और संदिग्ध स्थलों की सघन जांच कर रहे हैं।
कुमार ने कहा कि इसी क्रम में पूर्वी चंपारण जिले के बनकटवा प्रखंड अंतर्गत रेगनिया और अगरवा गांव में अवैध उर्वरक भंडारण की सूचना पर संयुक्त छापेमारी की गई।
अधिकारी ने कहा कि छापेमारी के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठानों और निजी आवासों से बड़े पैमाने पर उर्वरकों की अवैध जमाखोरी का खुलासा हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, रेगनिया में स्थित आकाश फर्टिलाइजर्स के गोदाम से 81 बैग यूरिया तथा जावेद खाद भंडार के गोदाम से 370 बैग यूरिया जब्त किए गए। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त पुरुषोत्तम यादव के आवास से 650 बैग, अरविंद के आवास से 80 बोरा और मदन के आवास से 25 बोरा यूरिया बरामद किया गया। अधिकारियों ने बताया कि भवानी खाद भंडार के गोदाम से 600 बोरा यूरिया के साथ 100 बोरा एसएसपी और 50 बोरा एमओपी भी जब्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अवैध रूप से संग्रहीत उर्वरकों की जब्ती के साथ संबंधित व्यक्तियों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि दोषियों का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और प्राथमिकी दर्ज करने सहित अन्य दंडात्मक प्रावधानों पर भी सख्ती से अमल किया जाएगा।
प्रधान सचिव ने किसानों से अपील की कि वे केवल अधिकृत और लाइसेंसधारी उर्वरक विक्रेताओं से ही उर्वरक की खरीद करें और कालाबाजारी, अधिक मूल्य वसूली या अवैध भंडारण की किसी भी सूचना को तुरंत स्थानीय कृषि कार्यालय या जिला प्रशासन तक पहुंचाए।
भाषा कैलाश जोहेब
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