Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर का बड़ा दांव! पूर्व केंद्रीय मंत्री ने थामा जन सुराज पार्टी का दामन, बताई ये वजह
बिहार में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हुए, Former Union Minister RCP Singh joins Kishore's Jan Suraaj Party in Bihar
Bihar Politics. Image Source- IBC24
पटना: Bihar Politics पूर्व केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हो गए। सिंह ने अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ का जन सुराज में विलय करने की भी घोषणा की। पूर्व नौकरशाह सिंह ने महज छह महीने पहले ही खुद की पार्टी बनाई थी। किशोर और सिंह, दोनों ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग होने से पहले जनता दल (यूनाइटेड) में थे। पूर्व चुनावी रणनीतिकार किशोर, 2020 में जद(यू) से निष्कासित किये जाने से पहले नीतीश नीत पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे।
Bihar Politics वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में सेवा दे चुके सिंह जद(यू) में कई प्रमुख संगठनात्मक पदों पर रहे थे और यहां तक कि संक्षिप्त अवधि के लिए इसका नेतृत्व भी किया। हालांकि, सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से नीतीश के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई, जिन्होंने पूर्व नौकरशाह पर उनकी मंजूरी के बिना केंद्र में मंत्री पद स्वीकार करने का आरोप लगाया था। सिंह 2023 में जद(यू) छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम दोनों बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।’’
किशोर ने संवाददाताओं से कहा, “आरसीपी सिंह उस राजनीतिक गठबंधन का हिस्सा थे जिसने 2015 में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच गठजोड़ का मार्ग प्रशस्त किया था। 2015 में जो हुआ, वही अब आगामी विधानसभा चुनावों में जन सुराज पार्टी दोहराएगी।” उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अब ऐसी सरकार के हकदार हैं जो राज्य के समग्र विकास के लिए काम करे।किशोर ने कहा, ‘हम दोनों मिलकर काम करेंगे और आगामी विधानसभा चुनावों में जन सुराज पार्टी सरकार बनाएगी। हमारा ध्यान राज्य में एक नयी सरकार बनाने पर होगा जो ‘3सी’ – क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म (अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता) से मुक्त होगी।”उन्होंने मुख्यमंत्री कुमार पर “कुछ सेवानिवृत्त नौकरशाहों और चार-पांच जद(यू) नेताओं” के माध्यम से सरकार चलाने का आरोप लगाया।
किशोर ने दावा किया, “नीतीश कुमार शारीरिक रूप से थके हुए और मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि राज्य में क्या कुछ हो रहा है। सरकार और जद(यू) को मुट्ठी भर सेवानिवृत्त नौकरशाह और चार-पांच ‘ठेकेदार’ (नेता) चला रहे हैं। ये ‘ठेकेदार’ सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और गिद्धों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।” उन्होंने दावा किया कि जद(यू) “अब डूबती हुई नाव” बन गई है, और इसके कार्यकर्ताओं को पार्टी छोड़ देनी चाहिए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहनगर नालंदा से संबंध रखने वाले सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के उत्तर प्रदेश काडर के अधिकारी रहे हैं और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह पहली बार 1999 में कुमार के संपर्क में आए थे। उस समय जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश रेल मंत्री थे। साल 2005 में बिहार की सत्ता संभालने के बाद नीतीश ने सिंह के प्रशासनिक कौशल से प्रभावित होकर उन्हें अपने प्रमुख सचिव के रूप में बिहार आने के लिए राजी किया था।
आरसीपी सिंह के जन सुराज पार्टी में शामिल होने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘दोनों पहले जद(यू) में थे। एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और दूसरे उपाध्यक्ष। लोग जानते हैं कि इस कदम के पीछे कौन हैं और कौन इसे अंजाम दे रहा है। यह एक सर्वविदित तथ्य है। मेरे पास इस पर कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है।’ जद(यू) ने किशोर और सिंह पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘राजनीति के दगे हुए कारतूस’ बताया। जद(यू) के वरिष्ठ नेता और पार्टी के एमएलसी नीरज कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘दोनों राजनीति के दगे हुए कारतूस हैं। प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह जहरीले तत्व हैं। दोनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धोखा दिया है। अब वे एक साथ आ गए हैं। कुछ नहीं होगा और उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा।’

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