पटना: Govt Will Kick Out Employees प्रदेश सरकार के अधिनस्त कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिनके खिलाफ मामला लंबित है। बताया जा रहा है कि ऐसे कर्मचारियों की संख्या 4700 है, जिसमें सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों के खिलाफ हनी ट्रैप, आय से अधिक संपत्ति, रिश्वतखोरी सहित कई मामले दर्ज हैं, जिस पर कार्रवाई चल रही है।
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Govt Will Kick Out Employees रंगे हाथ घूस लेते, ट्रैप में पकड़े गए कर्मियों के अलावा पद का दुरुपयोग करने के आरोपित, आय से अधिक संपत्ति मामले और अन्य तरह के आरोपों में जिन कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई चल रही है, उनके नाम इस फेहरिस्त में हैं। इसमें 15 से 20 फीसदी कर्मी ऐसे भी हैं, जो कार्रवाई संचालन के दौरान ही सेवानिवृत्त हो गए हैं। परंतु इनके खिलाफ विभाग या न्यायालय में अंतिम निर्णय आने तक कार्रवाई जारी रहेगी। ऐसे ज्यादातर मामले न्यायालयों में चल रहे हैं।
निगरानी विभाग ने इन सभी कर्मियों की सूची को संकल्पित करते हुए सभी विभागों के प्रमुख से लेकर सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है। निगरानी विभाग की तरफ से यह पत्र विशेष कार्य पदाधिकारी ने जारी किया है। इसमें इनके खिलाफ मामला लंबित रहने के कारण निगरानी की तरफ से इन्हें स्वच्छता प्रमाण-पत्र नहीं देने की बात कही गई है। सरकारी कर्मियों को प्रोन्नति से लेकर एमएसीपी समेत अन्य विभागीय कार्यों में इसकी आवश्यकता पड़ती है। इन आरोपित कर्मियों में सबसे ज्यादा करीब 40 फीसदी मामले ट्रैप से जुड़े हुए हैं। भ्रष्टाचार में फंसे सहकारी और ग्रामीण बैंकों के कर्मियों के नाम भी इसमें शामिल हैं।
पद के दुरुपयोग से संबंधित मामले में विधानसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष से लेकर तत्कालीन सचिव से लेकर अन्य रैंक के 43 कर्मी और बीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष, सदस्य से लेकर अन्य स्तर के 12 कर्मियों के नाम भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग से सभी स्तर के 932 कर्मियों के नाम हैं, जिसमें विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति से लेकर डीओ, बीईओ, शिक्षक समेत अन्य हैं। इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के 243, स्वास्थ्य विभाग के 168, पंचायती राज विभाग के 329, गृह एवं पुलिस महकमा के 234 और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के 186 कर्मियों के अलावा 676 निजी व्यक्तियों के नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा अन्य सरकारी महकमों से लेकर जिला स्तरीय कार्यालयों में तैनात रहे पदाधिकारी और कर्मी के नाम हैं।