पटना, आठ अगस्त (भाषा) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाटेड (जदयू) पर निशाना साधते हुए चुनौती दी कि वह उनपर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाने के बजाय सीधे भाजपा से मुकाबला करे।
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिराग ने नीतीश कुमार को उनके बजाय अपने करीबी सहयोगियों से अधिक खतरा होने का दावा किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जदयू नेता ने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का अपमान किया है और इससे पहले शरद यादव और जॉर्ज फर्नांडिस को भी अपमानित किया था।
चिराग ने कहा, ‘‘इससे पहले किसी ने किसी पार्टी के अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नहीं सुना। लेकिन ऐसा नीतीश कुमार कर रहे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि चिराग ने वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू द्वारा लड़ी गई सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। माना जाता है कि पांच साल पहले की 70 सीटों की तुलना में जदयू के 43 पर सिमटने के कारणों में यह भी प्रमुख था।
इसी का संदर्भ देते हुए जदयू के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने इसे ‘‘चिराग मॉडल’’ करार दिया था। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए लोजपा (रामविलास)के नेता ने कहा, ‘‘अगर कोई चिराग मॉडल है तो वह ‘बिहार फस्ट बिहारी फस्ट’ है जिसको लेकर किए हमारे आह्वान का मुख्यमंत्री ने कभी सम्मान नहीं किया।’’
चिराग ने कहा, ‘‘ उन्हें अपनी पार्टी की पराजय के लिए मुझे दोष देना बंद कर देना चाहिए। जदयू वास्तव में बंटी हुई है। आरसीपी सिंह को पार्टी छोड़ने के लिए विवश किया गया, लेकिन नीतीश कुमार को ललन और उपेंद्र कुशवाहा(जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष) जैसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।’’
जदयू ने दावा किया है कि नीतीश कुमार ने डेढ़ दशक से अधिक समय के अपने शासन में बिहार को बदल दिया है। इसपर चिराग ने नीति आयोग की रिपोर्ट में राज्य की खराब रैंकिंग का हवाला देते हुए कटाक्ष किया कि कल जब नीति आयोग की बैठक हुई तो हमारे मुख्यमंत्री ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया, जबकि यह उनके लिए प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य की मांगों को उठाने का एक अवसर था।
उन्होंने सवाल किया,‘‘नीतीश कुमार को बैठक में शामिल होने में क्या समस्या थी, भले ही वह भाजपा का विरोध करते हैं। क्या वह ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जो कि वहां मौजूद थे, की तुलना में इस दल के अधिक प्रबल विरोधी हो सकते हैं।’’
चिराग ने पूछा कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ कुर्सी पर बने रहने के प्रयास में लगे हुए हैं जबकि प्रदेश में बाढ़ और सुखाड, बेरोजगारी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है।
चिराग, जमुई से लोकसभा सदस्य हैं। उनके दिवंगत पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को पिछले साल उनके परिवार के बागी सदस्यों द्वारा विभाजित कर दिया गया था। चिराग अब लोजपा (रामविलास) नामक एक अलग समूह के प्रमुख हैं।
उन्होंने जदयू के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू को हराने के लिए ‘‘मोहरा’’ के रूप में काम किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने दिवंगत पिता द्वारा ग्रहण किए गए मूल्यों के अनुसार कार्य करता हूं, जिन्हें मुख्यमंत्री ने कभी भी उचित सम्मान नहीं दिया। जदयू को मेरे खिलाफ आरोप लगाना बंद कर देना चाहिए और अगर उसे संदेह है कि भाजपा ने साजिश रची है तो उसे सीधे सहयोगी से भिड़ना चाहिए।’’
चिराग जो जदयू नेता पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जब पिछले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उनके पास मुद्दों की कमी थी, तो उन्होंने लोगों को राजद (राष्ट्रीय जनता दल) को वोट देने से रोकने के लिए जंगल राज का हौवा खड़ा किया। अब वे उससे हाथ मिलाने के मूड में लग रहे हैं।’’
भाषा अनवर रंजन धीरज
धीरज
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