पटना, तीन अप्रैल (भाषा) भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के सहयोगी दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेदेपा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भाजपा के साथ मिलकर काम किया।
वामपंथी नेता ने आरोप लगाया कि विवादास्पद विधेयक ‘‘मुस्लिम समुदाय की पहचान, धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक स्वायत्तता के लिए एक बड़ा झटका है।’’
वक्फ (संशोधन) विधेयक 12 घंटे की लंबी बहस के बाद लोकसभा में पारित हो गया।
भट्टाचार्य ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों के अधिकार आंबेडकर के लोकतांत्रिक गणराज्य के विचार के केंद्र में हैं। जद (यू) और तेदेपा जैसे दल वास्तव में इस संविधान विरोधी साजिश में शामिल हैं, जिन्होंने अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमले में भाजपा के साथ सहयोग किया है। वे बेनकाब हो चुके हैं और लोगों द्वारा उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।’’
भाजपा, जिसके पास लोकसभा में बहुमत नहीं है, सत्ता में बने रहने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जद (यू) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू नीत तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के समर्थन पर निर्भर है।
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्मार्थ भूमि और धार्मिक एवं सांस्कृतिक संस्थानों की लगभग पूरी श्रृंखला से संबंधित है। संशोधन के बाद, ऐसी सभी भूमि और संस्थानों को पंजीकृत करने की आवश्यकता होगी और हर विवाद या मुकदमे का फैसला राज्य के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा। ये मुस्लिम समुदाय की पहचान, धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक स्वायत्तता को बहुत बड़ा झटका होगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘नरेन्द्र मोदी सरकार मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए एक के बाद एक मुद्दे खोजती रहती है और इस प्रक्रिया में संविधान को नष्ट करने के साथ ही गणतंत्र को कमजोर करती है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) ने नागरिकता के मामले में मुसलमानों को अलग-थलग कर दिया है, जो धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करने के संवैधानिक सिद्धांत का उल्लंघन है।’’
भाषा शफीक देवेंद्र
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