पटना, 18 दिसंबर (भाषा) बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन’ (ओएनओएस) प्रदेश के लिए एक अत्यंत महत्वाकांक्षी और दूरगामी पहल है।
उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से राज्य के दूर-दराज व ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययनरत विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के उच्च-गुणवत्ता वाले शोध जर्नल और शैक्षणिक प्रकाशनों तक समान डिजिटल पहुंच प्राप्त होगी।
मंत्री, चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के सभागार में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पहल डिजिटल अंतर को पाटने और शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों की असमानता को दूर करने में सहायक सिद्ध होगी तथा बिहार के युवाओं को वैश्विक अकादमिक मंच से जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा के साथ-साथ शोध कार्य को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है कि बिहार को पूर्वोत्तर भारत का शोध केंद्र बनाया जा सके।
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव राजीव रौशन ने बताया कि ओएनओएस वर्ष 2047 तक आत्मनिर्भर और ज्ञान-आधारित भारत के निर्माण में सहायक होगी।
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार राज्य के सभी 15 विश्वविद्यालयों में इस पहल को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. एन. के. अग्रवाल ने बताया कि ओएनओएस के माध्यम से राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप अनुसंधान, तकनीकी शिक्षा और अकादमिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहन मिलेगा।
सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (इन्फ्लिबनेट ) के निदेशक एम. एस. देविका पांडुरंग मडल्लि ने बताया कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां सभी विश्वविद्यालयों ने ‘इन्फ्लिबनेट’ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
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