Mistake in SIR Form: बीएलओ तुमने ये क्या किया…SIR में बहू का नाम जोड़ दिया ससुर के साथ, तो पैदा करवा दिए 6-6 बच्चे, जानिए कहां का है पूरा मामला

Mistake in SIR Form: बीएलओ तुमने ये क्या किया...SIR में बहू का नाम जोड़ दिया ससुर के साथ, तो पैदा करवा दिए 6-6 बच्चे, जानिए कहां का है पूरा मामला

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 02:59 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 03:00 PM IST

Mistake in SIR Form: बीएलओ तुमने ये क्या किया...SIR में बहू का नाम जोड़ दिया ससुर के साथ, तो पैदा करवा दिए 6-6 बच्चे / Image: IBC24 Customized

HIGHLIGHTS
  • 5.33 लाख मतदाताओं के डेटा में गंभीर तकनीकी और तार्किक गलतियां
  • बहू को सास-ससुर की संतान दर्ज कराया
  • निर्वाचन आयोग ने तीन बार समय सीमा बढ़ाई

ग्वालियर: Mistake in SIR Form मतदाता सूची से अपात्र, फर्जी और निधन हो चुके मतदाताओं को हटाने के लिए निर्वाचन आयोग ने देशभर में गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। एसआईआर के तहत अभी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में वोटर्स का पुनरीक्षण किया जा रहा है। लेकिन ग्वालियर में बीएलओ की गलती के चलते पूरा मामला ही गड़बड़ हो गया है। बताया जा रहा है कि बीएलओ ने बहू का नाम सास-ससुर के साथ जोड़ दिया है तो ​कहीं माता-पिता की उम्र में 15 साल का अंतर बता दिया है। तो ​चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

बहू का नाम जोड़ दिया ससुर के साथ

Mistake in SIR Form मिली जानकारी के अनुसार जिले की छह विधानसभा में 5 लाख 33 मतदाताओं के डेटा में लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी (एरर) सामने आई है। बताया जा रहा है कि बहू का नाम सास-ससुर से जोड़ दिया। 1 लाख 34 हजार वोटर ऐसे हैं, जिनकी उम्र व माता-पिता की उम्र में 15 साल का अंतर है। 52 हजार मतदाताओं के 6 से ज्यादा बच्चे हैं। इसके साथ ही गलत नाम जोड़ने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, गलत सामने आने के बाद बीएलओ को सुधार कार्य के लिए फिर से बुलाया है।

मतदाताओं के 6 से ज्यादा बच्चे

बता दें कि जिले में 4 नवंबर को मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। गणना पत्रक वितरण कर उन्हें डिजिटल व एकत्रित करने का काम 4 दिसंबर तक करना था। आयोग ने स्पष्ट कर दिया था कि 4 दिसंबर काम खत्म करने की आखिरी तारीख है। रात में पोर्टल बंद हो जाएगा, लेकिन काम पूरा नहीं हो सका और 11 दिसंबर तक तारीख बढ़ाई। लेकिन काम पूरा नहीं होने के चलते एक बार फिर अंतिम तारीख 18 दिसंबर कर दी गई थी। लॉजिकल गलतियों को देखा जाए तो बीएलओ से सुधर नहीं रही है। लॉजिकल गलतियों वाले मतदाताओं की संख्या 5 लाख 33 हैं। फिलहाल आयोग ने लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी वाले मतदाताओं के संबंध में नए दिशा निर्देश नहीं दिए हैं। वहीं उप जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि यह गलतियां 2003 की मतदाता सूची के मिलान के दौरान सामने आई थी। लेकिन काम पूरा होने के बाद उनमें सुधार किया जाएगा।

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ग्वालियर में "मतदाता सूची" के पुनरीक्षण के दौरान कुल कितनी विसंगतियां (Errors) पाई गई हैं?

ग्वालियर की छह विधानसभाओं में कुल 5.33 लाख मतदाताओं के डेटा में लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी या गलतियां पाई गई हैं।

"बीएलओ" (BLO) द्वारा उम्र को लेकर किस तरह की गलती की गई है?

बीएलओ ने करीब 1.34 लाख मतदाताओं के मामले में माता-पिता और बच्चों की उम्र के बीच मात्र 15 साल का अंतर दर्ज कर दिया है।

"मतदाता सूची" में रिश्तों को लेकर क्या गड़बड़ी सामने आई है?

सूची में कई जगह बहू का नाम उसके ससुराल वालों (सास-ससुर) के साथ उनकी संतान के रूप में जोड़ दिया गया है।

निर्वाचन आयोग ने "मतदाता सूची" पुनरीक्षण के लिए अंतिम तारीख क्या तय की थी?

काम पूरा न होने के कारण आयोग ने अंतिम तारीख को बढ़ाकर 18 दिसंबर कर दिया था, हालांकि सुधार कार्य अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

प्रशासन के अनुसार इन "लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी" का मुख्य कारण क्या है?

अधिकारियों का कहना है कि ये गलतियां मुख्य रूप से 2003 की मतदाता सूची के पुराने डेटा से मिलान करने के दौरान उत्पन्न हुई हैं।