पटना, 15 दिसंबर (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार राज्य के प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। चौधरी ने कहा कि सरकार प्रत्येक जिले में एक-एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना की दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि लोगों को अपने ही जिले में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
चौधरी ने कहा कि इसी क्रम में गया में महाबोधि मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का उद्घाटन किया गया है, जो ना केवल गया बल्कि आसपास के जिलों के लोगों के लिए भी वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान सीमित समय में आधुनिक चिकित्सा सेवाएं और गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1925 से 1989 के बीच बिहार में कई मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए, लेकिन 1989 से 2008 के दौरान राज्य में एक भी नया मेडिकल कॉलेज नहीं खुला। उन्होंने कहा कि यह वही दौर था, जब बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर हो गई थी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन आने के बाद हालात पूरी तरह बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में लगातार मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो रही है। चौधरी ने कहा कि आने वाले तीन वर्षों में प्रदेश में आठ से अधिक नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, जिससे ना केवल स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि मेडिकल शिक्षा को भी नई दिशा मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि महाबोधि मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 650 बेड वाला अत्याधुनिक अस्पताल है, जो राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा निर्धारित सभी मानकों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि यहां अनुभवी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मियों द्वारा चौबीसों घंटे उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि इस मेडिकल कॉलेज को 100 एमबीबीएस सीट की मान्यता मिल चुकी है और शैक्षणिक सत्र के लिए छात्रों का नामांकन भी पूरा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के छात्रों को मेडिकल शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें बिहार में ही बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।
चौधरी ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में महाबोधि मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चिकित्सा शिक्षा, शोध और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक आदर्श संस्थान के रूप में स्थापित होगा और बिहार के स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करेगा।
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