PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना के 1.50 लाख लाभार्थियों को नोटिस, पैसा लेने के बाद भी नहीं बनाया घर

pm awas yojana 2025: बिहार में पक्के मकान नहीं बनाने पर प्रधानमंत्री आवास योजना के 1.50 लाख लाभार्थियों को नोटिस जारी

PM Awas Yojana:  प्रधानमंत्री आवास योजना के 1.50 लाख लाभार्थियों को नोटिस, पैसा लेने के बाद भी नहीं बनाया घर

PM Awas Yojana News/ Image Source: PIB

Modified Date: March 12, 2025 / 09:46 pm IST
Published Date: March 12, 2025 9:20 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पक्के मकान न बनाने या पूरा न करने के लिए नोटिस जारी
  • मंजूरी दिए जाने के बावजूद योजना के तहत मकान नहीं बनाए

पटना:  PM Awas Yojana, बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के 1.50 लाख से अधिक लाभार्थियों को उनके निजी बैंक खातों में आवश्यक राशि जमा होने के बाद भी पक्के मकान न बनाने या पूरा न करने के लिए नोटिस जारी किया है। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि विभाग ने उन 19,495 बकाएदारों के खिलाफ ‘सर्टिफिकेट केस’ भी दर्ज किया है, जिन्होंने कई महीने पहले सरकार द्वारा कुल राशि (सभी किस्तों) को मंजूरी दिए जाने के बावजूद योजना के तहत मकान नहीं बनाए हैं।

कुमार ने कहा, “कुल 82,441 लाभार्थियों को ‘व्हाइट’ नोटिस दिया गया, जो विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए पक्के मकान बनाने हेतु एक चेतावनी है। इसके अलावा 67,733 लाभार्थियों को ‘रेड’ नोटिस दिया गया है, जिसका अर्थ है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद निर्माण पूरा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” मंत्री ने कहा, “रेड’ नोटिस के बाद भी अगर लोग नहीं बाज आते हैं तो उनके खिलाफ ‘सर्टिफिकेट केस’ दायर किया जाता है। विभाग ने 19,495 लोगों के खिलाफ ‘सर्टिफिकेट केस’ भी दायर किया है।”

PM Awas Yojana, गांव-देहात में रहने वाले गरीबों को ध्यान में रखकर बनाई गई इस योजना के तहत सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के मकान (जगह का न्यूनतम आकार 25 वर्ग मीटर) उपलब्ध कराए जाते हैं। मैदानी क्षेत्रों में मकाने बनाने के लिए 1,20,000 रुपये प्रति इकाई की वित्तीय सहायता दी जाती है जबकि पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों जैसे हिमालयी व पूर्वोत्तर राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर जैसे केंद्र शासित प्रदेश के लिए 1,30,000 रुपये प्रति इकाई की वित्तीय सहायता दी जाती है। योजना की 60 प्रतिशत राशि केंद्र द्वारा प्रदान की जाती है, जबकि शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकारें वहन करती हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com