Bihar Election 2025: राजद-कांग्रेस से नाराज मुस्लिम वोटर्स!.. डिप्टी CM पद के लिए नहीं हुआ ऐलान, पूछा, ‘क्या हम सिर्फ दरी बिछाएंगे?’

नामांकन वापसी के अंतिम दिन महागठबंधन के कई उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए। ये उम्मीदवार वे थे, जिन्होंने नाराजगी के बाद अपना पर्चा दाखिल कर दिया था। जानकारी के अनुसार ‘इंडिया’ गठबंधन के 4 उम्मीदवारों ने बृहस्पतिवार को अपना नामांकन वापस ले लिया।

Bihar Election 2025: राजद-कांग्रेस से नाराज मुस्लिम वोटर्स!.. डिप्टी CM पद के लिए नहीं हुआ ऐलान, पूछा, ‘क्या हम सिर्फ दरी बिछाएंगे?’

Bihar Election 2025 || Image- ANI News file

Modified Date: October 24, 2025 / 08:10 am IST
Published Date: October 24, 2025 8:10 am IST
HIGHLIGHTS
  • मुस्लिम वोटर्स ने जताई नाराजगी
  • तेजस्वी बोले, होंगे कई डिप्टी सीएम
  • वारिस पठान ने उठाए बड़े सवाल

Bihar Election 2025: पटना: महागठबंधन के भीतर मची खींचतान गुरुवार को खत्म हो गई। कांग्रेस के सीनियर लीडर और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत कल बिहार पहुंचे थे। उन्होंने प्रेस वार्ता की और फिर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने पर सहमति जाहिर की। मंच से उन्होंने खुद ही ऐलान भी किया। इसके साथ उन्होंने यह भी घोषणा की कि वीआईपी पार्टी के चीफ मुकेश सहनी उप मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे, जबकि एक अन्य पिछड़ा वर्ग के नेता को भी डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।

पूछा ‘मुसलमान क्या सिर्फ दरी ही बिछाएगा?’

वहीं, इस ऐलान के बाद कांग्रेस और राजद के कोर मतदाता माने जाने वाला मुस्लिम वर्ग नाराज हो गया है। यह नाराजगी सोशल मीडिया पर साफ तौर पर देखी जा रही है। मुस्लिम यूजर्स का कहना है कि 2.50% वाले निषाद समाज को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जा रहा है, जबकि 18% आबादी वाले मुस्लिमों की अनदेखी की जा रही है। कुछ यूजर्स ने लिखा है कि क्या मुसलमान मतदाता दरी ही बिछाएगा और झंडे लगाएगा? यूजर्स का सवाल है कि अगर सहनी का नाम डिप्टी सीएम के लिए आगे बढ़ाया गया तो किसी मुस्लिम नेता के नाम का ऐलान क्यों नहीं किया गया?

वारिस पठान ने उठाए सवाल

Bihar Election 2025: महागठबंधन के इस ऐलान के बाद एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने भी राहुल और तेजस्वी पर निशाना साधा है। उन्होंने भी यह मुद्दा उठाते हुए महागठबंधन पर आरोप लगाया है कि वह मुस्लिमों का इस्तेमाल सिर्फ वोट पाने के लिए कर रही है। वारिस पठान ने कहा, “देखिए, उनका पाखंड कैसे उजागर हुआ है। एक तरफ वो ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ की बात करते हैं। इसके अनुसार 19% मुसलमान हैं, जबकि 2% साहनी समुदाय है, जिससे डिप्टी सीएम उम्मीदवार घोषित किया जा रहा है। क्या मुसलमान सिर्फ उन्हें वोट देने के लिए हैं? जब तक उन्हें मुख्यधारा में नहीं लाया जाता, तब तक समुदाय कैसे आगे बढ़ेगा? हम बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए लड़ रहे हैं। जनता को राज्य में हो रहे अन्याय को देखना चाहिए।”

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‘अन्य लोग भी बनेंगे डिप्टी सीएम’ : तेजस्वी

वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बाद महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव का बयान सामने आया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा है कि “मुकेश सहनी अति पिछड़े समुदाय से आते हैं। उनके अलावा, अन्य उपमुख्यमंत्री भी होंगे।” इसी तरह, महागठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा, “भाजपा ने जिस तरह हमारी पार्टी को तोड़ा, हमारे विधायकों को खरीदा, उस समय से हमने संकल्प लिया था कि जब तक भाजपा को तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं… वो समय आ चुका है। हम मजबूती के साथ महागठबंधन के साथ रहकर बिहार में सरकार बनाएंगे और भाजपा को बिहार से बाहर करेंगे। महागठबंधन मजबूत और एकजुट है।”

भाजपा ने साधा तेजस्वी पर निशाना

Bihar Election 2025: बिहार के उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने दबाव डालकर अपने बेटे तेजस्वी यादव को महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करवाया। भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चौधरी ने कहा कि आज लोकतंत्र और बिहार को शर्मसार करने वाला दिन है।

उन्होंने आरोप लगाया, “लालू यादव ने जैसे 15 साल तक बिहार में राज किया, वैसे ही अब अपने गठबंधन में गुंडागर्दी कर सभी सहयोगी दलों पर दबाव बनाकर अपने बेटे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराया है।” चौधरी ने कहा कि लालू यादव के शासनकाल में बिहार को “लूट, हत्या और भ्रष्टाचार” का इनाम मिला और अब “पंजीकृत अपराधी का बेटा मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहा है।”

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और महागठबंधन के अन्य दलों ने लालू यादव जैसे भ्रष्ट नेता के पुत्र का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “जिस व्यक्ति ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में भ्रष्टाचार किया, उसी के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया है।”

तेजस्वी यादव के चुनावी वादों को अव्यावहारिक बताते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा, “वह 2.70 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी देने की बात करते हैं। जबकि राज्य में फिलहाल करीब 22 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिन पर 85 हजार करोड़ रुपये का व्यय होता है। अगर तेजस्वी यादव का वादा पूरा किया जाए, तो 12 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी, जबकि बिहार का कुल बजट सिर्फ 3.17 लाख करोड़ रुपये है।”

Bihar Election 2025: चौधरी ने तेजस्वी द्वारा जीविका दीदियों को 30 हजार रुपये मासिक वेतन देने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा, “राज्य में 1.36 करोड़ जीविका दीदी हैं। यह वादा पूरी तरह अव्यावहारिक और जनता को भ्रमित करने वाला है।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में “जीविका दीदी योजना” के जरिए महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए एक साल में 56 हजार करोड़ रुपये का बाजार तैयार हुआ है।

‘डबल इंजन सरकार’ की आवश्यकता पर जोर देते हुए सम्राट चौधरी ने कहा, “बिहार के वास्तविक विकास के लिए केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में नीतीश कुमार की सरकार का होना जरूरी है। बिहार की तरक्की केवल केंद्र के सहयोग और सुशासन से ही संभव है।”

उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार की जनता “भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के सहारे सत्ता में आने की कोशिश करने वाले महागठबंधन” को आगामी 6 और 11 नवंबर को मतदान के जरिए करारा जवाब देगी।

वापस हुआ नामांकन

Bihar Election 2025: नामांकन वापसी के अंतिम दिन महागठबंधन के कई उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए। ये उम्मीदवार वे थे, जिन्होंने नाराजगी के बाद अपना पर्चा दाखिल कर दिया था। जानकारी के अनुसार ‘इंडिया’ गठबंधन के 4 उम्मीदवारों ने बृहस्पतिवार को अपना नामांकन वापस ले लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

नवादा जिले के वारसलीगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सतीश कुमार और मधुबनी जिले के बाबूबरही सीट से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की उम्मीदवार बिंदु गुलाब यादव ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए। अधिकारियों के अनुसार, इस घटनाक्रम के बाद वारसलीगंज से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अनीता और बाबूबरही से राजद के अरुण कुमार सिंह ‘महागठबंधन’ के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में रहेंगे।

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