Contract Employees Regularisation: कल से बेरोजगार हो जाएंगे इस विभाग के अनियमित कर्मचारी, सभी को नौकरी से निकालने का आदेश, नियमितीकरण की उम्मीदों पर फिरा पानी

Contract Employees Regularisation: कल से बेरोजगार हो जाएंगे इस विभाग के अनियमित कर्मचारी, सभी को नौकरी से निकालने का आदेश

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  • Publish Date - March 31, 2024 / 01:37 PM IST,
    Updated On - April 1, 2024 / 04:21 PM IST

पटना: Contract Employees Regularisation लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे अनीयमित कर्मचारियों को प्रदेश सरकार ने जोर का झटका दिया है। सरकार की ओर से सभी संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश दिया गया है। यानि 1 अप्रैल से अनीयमित कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। वहीं, जारी आदेश में ये भी कहा गया है कि जिले के अधिकारी 3 अप्रैल तक ये प्रमाण पत्र देंगे कि अनीयमित कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।

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Contract Employees Regularisation मिली जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिले डीईओ को एक पत्र जारी कर कहा है कि 1 अप्रैल से विभाग में पदस्थ सभी अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। बताया जा रहा है कि ऐसा फैसला इ​सलिए लिया गया है क्योंकि राज्य सरकार ने नियमित शिक्षक के 94 हजार 738 पदों पर भर्ती की गई थी और अब उन्हें नियुक्ति भी दे दी गई है।

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उन्होंने शिक्षा विभाग के संकल्प संख्या 51, दिनांक 25.01. 2018 का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में निर्धारित पारिश्रमिक पर सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों की सेवा ली जा रही है। संदर्भित संकल्प में किये गये प्रावधान के अनुसार अतिथि शिक्षकों की सेवा शिक्षक नियोजन होने तक ली जानी थी। राज्य सरकार के इस निर्णय के अनुसार तीन हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों की सेवा 31 मार्च के बाद खत्म हो जाएगी। मालूम हो कि 25 जनवरी, 2018 यानी छह साल से विभिन्न जिलों में कार्यरत ये शिक्षक अचानक बेरोजगार हो जाएंगे। इस फैसले के बाद कई अतिथि शिक्षकों ने दुख जताया है और इस पर विचार करने की मांग की है।

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गौरतलब है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए साल 2018 में अतिथि शिक्षकों को रखा गया था। जिलावार स्कूलों की सूची जारी गई थी और जिन स्कूल में जिस विषय के शिक्षक नहीं थे, वहां इन्हें रखा गया था। 2018 में 5440 अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता महसूस की गयी। लगभग 4200 अतिथि शिक्षकों की सेवा ली गयी। बीच-बीच में इनकी सेवा समाप्त भी होती गयी। इन अतिथि शिक्षकों ने भी नियोजित शिक्षकों की तर्ज पर नियुक्ति की मांग की थी। वे चाह रहे थे कि उन्हें भी सक्षमता परीक्षा लेकर स्थायी तौर पर शिक्षक बनने का अवसर मिले।

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