जहरीली शराब ने ले ली 21 लोगों की जान, लोकसभा में गूंजा मामला, इधर विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच हुई तीखी नोकझोंक

Poisonous liquor killed 21 people in Saran, Bihar

जहरीली शराब ने ले ली 21 लोगों की जान, लोकसभा में गूंजा मामला, इधर विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच हुई तीखी नोकझोंक

Govt Issues Transfer Order of Police Superintendent

Modified Date: December 14, 2022 / 11:50 pm IST
Published Date: December 14, 2022 11:12 pm IST

पटना : पूर्ण शराबबंदी लागू कर चुके बिहार राज्य के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 21 हो गई है। इस घटना को लेकर आज राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत ‘महागठबंधन’ सरकार और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। बिहार के शराबबंदी मामले के मंत्री सुनील कुमार के अनुसार, सारण के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र में लोगों के मरने की सूचना है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘सारण में कथित जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है।’’

गौरतलब है कि नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। सारण के सिविल सर्जन-सह-चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा ने कहा, ‘‘ज्यादातर लोगों की मौत जिला मुख्यालय छपरा में स्थित अस्पताल में हुई है। कुछ लोग जो मंगलवार सुबह से ही बीमार थे, उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।’’

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सिन्हा ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि चूंकि यह संदेह है कि मरने वाले सभी लोगों ने कुछ नशा किया था, पोस्टमार्टम के बाद उनके बिसरा का नमूना परीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर भेजा जा रहा है। इसबीच, जिला प्रशासन ने कहा कि उसने अधिकारियों की टीम गठित की है जो प्रभावित गांवों का दौरा करेगी और प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका पता लगाने का प्रयास करेंगी जिन्होंने संभवत: जहरीली शराब परोसी होगी। सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब से लोगों की मौत को लेकर आज विधानसभा के अंदर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तीखी बहस देखने को मिली।

भाजपा विधायकों ने विधानसभा के अंदर हंगामा किया। इस दौरान उनमें से कई ने सरकार पर अवैध शराब की बिक्री को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। भाजपा विधायकों ने सारण की घटना में जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने की मांग की। मुख्यमंत्री कुमार गुस्से में अपनी कुर्सी से उठकर भाजपा विधायकों की ओर उंगली उठाते हुए कुछ कहते देखे गए। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होने के शुरुआती आधे घंटे के अंदर ही 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा।

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भाजपा सदस्यों ने मुख्यमंत्री से माफी की मांग की, जो उस समय अपनी कुर्सी पर नहीं थे। भाजपा विधायक शून्यकाल शुरू होने पर सदन से बहिर्गमन कर गए। सदन के बाहर, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, “मुख्यमंत्री को हमारी (भाजपा) वजह से वर्तमान कार्यकाल मिला था, लेकिन उन्होंने हमें धोखा दिया और उनमें (राजद में) शामिल हो गए, जिन पर वह ‘जंगल राज’ का आरोप लगा रहे थे। उनकी संगति में रहकर उन्होंने उनके तौर-तरीके अपना लिए हैं। यह सदन के पटल पर हमारे खिलाफ इस्तेमाल की गई डराने-धमकाने वाली व अपमानजनक भाषा से जाहिर होता है।”

हालांकि, राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, “भाजपा सदस्यों को यह समझना चाहिए कि बिहार में शराब का सेवन करना एक अपराध है और इससे होने वाली मौतों की भरपाई नहीं की जा सकती। यह शराब के सेवन को अपना समर्थन देने के समान होगा।” राज्य के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने भाजपा के इस आरोप पर आपत्ति जताई कि शराब बंदी का उल्लंघन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि उल्लंघन करने वालों को सरकार का “संरक्षण” प्राप्त है।

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मंत्री ने कहा, “जब भाजपा हमारी सहयोगी थी, तो उनके नेताओं ने कभी ऐसा आरोप नहीं लगाया। उन्हें याद रखना चाहिए कि आईपीसी और सीआरपीसी के तहत दंडनीय अपराध बंद नहीं हुए हैं, भले ही ये संहिता ब्रिटिश राज के बाद से मौजूद हैं।” इस बीच, राजद विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ सरकार चलाने वाली भाजपा को “इस मामले पर शोर मचाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।” लेकिन उन्होंने इस विचार का समर्थन किया कि बिहार में शराबबंदी “पूरी तरह विफल” रही।

सिंह ने कहा, “मामले की जांच उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित एक जांच आयोग द्वारा की जानी चाहिए। लगभग हर दिन सैकड़ों लोग शराब का सेवन करने के आरोप में गिरफ्तार हो जाते हैं। अगर सत्ता में बैठे लोग किसी तरह से शामिल नहीं हैं तो इतने सारे लोगों के लिए शराब कैसे उपलब्ध है?”


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