रेड्डी का ‘सलवा जुडूम’ पर फैसला माओवाद के प्रति उनके झुकाव को प्रतिबिंबित करता है : रविशंकर प्रसाद

रेड्डी का ‘सलवा जुडूम’ पर फैसला माओवाद के प्रति उनके झुकाव को प्रतिबिंबित करता है : रविशंकर प्रसाद

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  • Publish Date - August 25, 2025 / 06:41 PM IST,
    Updated On - August 25, 2025 / 06:41 PM IST

(तस्वीर के साथ)

पटना, 25 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी का उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर ‘सलवा जुडूम’ को लेकर दिया गया फैसला उनके ‘‘माओवाद के प्रति झुकाव’’ को प्रतिबिंबित करता है।

न्यायमूर्ति रेड्डी और न्यायमूर्ति एस.एस. निज्जर उच्चतम न्यायालय की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने जुलाई 2011 में ‘सलवा जुडूम’ को समाप्त करने का आदेश दिया था। पीठ ने माओवादियों के विरुद्ध लड़ाई में आदिवासी युवकों को विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में तैनात करने को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था।

पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में उपराष्ट्रपति दूसरा शीर्ष संवैधानिक पद है। इसलिए इस पद के लिए चुने गए व्यक्ति की मानसिकता और विचारधारा को समझना बेहद जरूरी है। सलवा जुडूम पर न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी का 2011 का फैसला स्पष्ट रूप से माओवाद के प्रति उनके सहानुभूतिपूर्ण रवैये और झुकाव को दर्शाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह की उनके खिलाफ टिप्पणी उचित है। (न्यायमूर्ति) सुदर्शन रेड्डी के फैसले से माओवाद के खिलाफ लड़ाई को बड़ा झटका लगा था और आज वही सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।’’

शाह ने रेड्डी पर नक्सलवाद का ‘‘समर्थन’’ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि अगर सलवा जुडूम के खिलाफ फैसला नहीं आता, तो वाम उग्रवाद 2020 तक समाप्त हो गया होता।

प्रसाद ने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने सलवा जुडूम मामले में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के रुख का समर्थन किया था। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब उसी पार्टी और उसके सहयोगियों ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि फैसले में इस्तेमाल शब्द इसको लिखने वाले की मानसिकता और दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और अमित शाह के मार्गदर्शन में नक्सलवाद को समाप्ति के कगार पर ला दिया गया है। (न्यायमूर्ति) सुदर्शन रेड्डी से जुड़ा मुद्दा आज फिर से उठ खड़ा हुआ है, क्योंकि वह अब उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।’’

सेवानिवृत्त 18 न्यायाधीशों के एक समूह ने रेड्डी पर शाह की टिप्पणी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया है और कहा है कि ‘‘नाम लेने ’’ से बचना बुद्धिमानी होगी।

सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा, ‘‘एक वकील होने के नाते मैं जानता हूं कि कानून किसी भी फैसले का विश्लेषण और समीक्षा करने की अनुमति देता है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’

‘सलवा जुडूम’ का स्थानीय गोंडी भाषा में अर्थ होता है ‘शांति मार्च’। यह एक गैर-सरकारी दल था, जिसे छत्तीसगढ़ में वाम उग्रवादियों के खिलाफ अभियानों में हिस्सा लेने के लिए संगठित और तैनात किया गया था।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी को कांग्रेस-नीत ‘इंडिया’ गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इस गठबंधन में समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भाकपा (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा), आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्रपवार), झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल जैसे दल शामिल हैं।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश