पटना: Bihar Second Phase Voting, बिहार में मंगलवार को 122 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में 68.79 प्रतिशत रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक की सर्वाधिक संख्या है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने यह जानकारी दी।
गुंजियाल ने बताया कि पहले चरण का मतदान छह नवंबर को हुआ था और उसमें 65.08 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। दोनों चरणों को मिलाकर कुल मतदान प्रतिशत 66.90 (अस्थायी) रहा, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 9.6 प्रतिशत अधिक है।
Bihar Second Phase Voting बता दें कि आज सुबह ही पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट कर बिहार की जनता से अपील की थी कि वे प्रदेश में मतदान का रिकॉर्ड बनाएं। पीएम ने लिखा था ‘बिहार विधानसभा चुनावों में आज दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग है। सभी मतदाताओं से मेरा निवेदन है कि वे इसमें बढ़-चढ़कर भागीदार बनें और मतदान का नया रिकॉर्ड बनाएं। पहली बार वोट देने जा रहे राज्य के अपने नौजवान साथियों से मेरा विशेष आग्रह है कि वे खुद तो मतदान करें ही, दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।’
गुंजियाल ने कहा, ‘‘दोनों चरणों में कुल 2,616 उम्मीदवार मैदान में हैं और 7.45 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं।’’ उन्होंने बताया कि मतदान प्रतिशत और बढ़ सकता है क्योंकि कुल 45,399 मतदान केंद्रों में से लगभग 2,000 केंद्रों का आंकड़ा अभी चुनाव आयोग के पास नहीं पहुंचा है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘‘ 68.79 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है, हालांकि यह आंकड़ा अस्थायी है।’’ उन्होंने बताया कि दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण रहा। इस चरण में कुल 3.70 करोड़ मतदाता 1,302 प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे। गुंजियाल ने बताया कि कुल 45,399 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जिनमें से 40,073 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित थे।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, जिन जिलों में मतदान प्रतिशत 70 से अधिक रहा, उनमें कटिहार (78.39), किशनगंज (77.91), पूर्णिया (75.87) और पश्चिम चंपारण (70.75) शामिल हैं। इसके अलावा जमुई में 69.63 प्रतिशत, अररिया में 69.54 प्रतिशत और गया में 68.63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कुल 143 शिकायतें मिलीं, जिन्हें तुरंत निपटा लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार किसी भी मतदान केंद्र को स्थानांतरित नहीं करना पड़ा क्योंकि बिहार अब नक्सल मुक्त हो चुका है। पिछले विधानसभा चुनाव में नक्सल प्रभावित इलाकों के 1,592 मतदान केंद्रों को मतदान के दिन सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा था।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार सुरक्षा बलों को किसी मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर से (हेली-ड्रॉपिंग) नहीं उतरना पड़ा, सभी जवान सड़क मार्ग से अपने तैनाती स्थल तक पहुंचे। गुंजियाल ने बताया कि सभी ईवीएम ले जाने वाले वाहनों में जीपीएस की सुविधा थी और उनकी आवाजाही पर लगातार निगरानी रखी गई।
उन्होंने कहा कि मतगणना 14 नवम्बर को होगी। दूसरे चरण के सभी 122 विधानसभा क्षेत्रों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए 1,650 कंपनियां केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की 50 कंपनियां और जिला पुलिस के 42,000 से अधिक जवानों की तैनाती की गई थी।