बिहार। Women will wear bangles made of liquor bottles तमाम कोशिशों के बाद भी बिहार में शराबबंदी नहीं पा रही है। इसी दौरान नशा मुक्ति दिवस के मौके पर बिहार सरकार ने शराब की जब्त की गई बोतलों के अवशेषों से चूड़ी निर्माण के लिए जीविका चूड़ी निर्माण केंद्र का उदघाटन किया। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा लगभग 1 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता की गयी है। जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि कांच की चूड़ियों के लिए विश्व विख्यात फिरोजाबाद के तकनीकी विशेषज्ञों की देख-रेख में अत्यधुनिक औद्योगिक मापदंडों के आधार पर इस चूड़ी निर्माण कारखाने की स्थापना की गयी हैं।
Women will wear bangles made of liquor bottles फिलहाल इस कारखाने में लगभग 150 जीविका दीदियां एवं उनके परिवार के सदस्यों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इनका प्रशिक्षण फिरोजाबाद के विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अबतक इस कारखाने के लगभग 10 कारीगरों को प्रशिक्षण दिलवाया जा चुका है। इस कारखाने में 2 टन की क्षमता वाली गैस से चलनेवाली भट्ठी का निर्माण किया गया है जो पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ कारखाने में काम करनेवाले कारीगरों की सुरक्षा में लिया गया एक अहम कदम है। इस कारखाने में प्रतिदिन लगभग 80 हजार चूड़ियों के निर्माण की क्षमता है।
नीतीश कुमार का मानना है कि इन चूड़ियों को जीविका द्वारा संचालित ग्रामीण बाजार, सरस मेला एवं क्षेत्रीय बाजारों एवं हाटों के साथ-साथ सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़ी दीदियों की दुकानों से बेचने की योजना है। राज्य में चूड़ी के व्यवसाय से जुड़े थोक एवं खुदरा व्यवसायियों से भी सम्पर्क साध कर चूड़ियों की बिक्री की जा सकेगी। जीविका इन चूड़ियों को अपने व्यावसायिक ई-पोर्टल के माध्यम से भी बेचने की योजना बना रही है।
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