पटना, 17 जून (भाषा) बिहार के सीतामढ़ी से जनता दल (यूनाइटेड) के नव निर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने ‘‘मुस्लिम और यादव समुदाय’’ के मतदाताओं पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में मतदान नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि दोनों समुदायों के लोगों को उनसे किसी मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में ठाकुर को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि ‘‘राजग के अपने मतदाता’’ भी विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर चले गए।
ठाकुर (71) हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में करीब 55,000 मतों के अंतर से सीतामढी सीट से निर्वाचित हुए हैं। यह उनका पहला संसदीय चुनाव था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि यादव और मुसलमान समुदाय के लोगों को मुझसे किसी तरह की मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जब वे मुझसे मिलेंगे तो उनका उपयुक्त सम्मान करूंगा, यहां तक कि उन्हें चाय और नाश्ता भी कराया जाएगा। लेकिन मैं उनकी कोई भी समस्या नहीं सुनूंगा।’’
ठाकुर ने कहा, ‘‘मुझे सूरी और कलवार जाति का वोट नहीं मिला है। यहां तक कि कुशवाहा समुदाय ने भी मुझे अकेला छोड़ दिया। सिर्फ इसलिए कि आदरणीय लालू प्रसाद (राजद प्रमुख) ने कुशवाहा समुदाय के कई लोगों को टिकट दिया। क्या किसी अन्य सीट से निर्वाचित कोई कुशवाहा मेरे निर्वाचन क्षेत्र के इस समुदाय के सदस्यों की कोई मदद कर सकता है।’’
हालांकि, पीटीआई-भाषा ने इस वीडियो को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया है।
बिहार में सात्तारूढ़ जद(यू) के सांसद ने कहा कि उन्होंने अपनी इस भावना से मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति को अवगत कराया था जो चुनाव के बाद उनसे मिलने आये थे।
ठाकुर ने कहा, ‘‘मैने मुस्लिम भाई से पूछा, आप मुझसे किसी काम की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं, जब आपने मुझे इस सिर्फ इसलिए अपना वोट नहीं दिया कि मेरी पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन किया है।’’
सांसद ने दावा किया कि आगंतुक इस तर्क से सहमत थे, और अपने चुनावी निर्णय पर खेद प्रकट करते हुये वापस चले गए।
अपने मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक हलकों में ‘अजातशत्रु’ कहे जाने वाले ठाकुर ने अपनी पार्टी के लिए यह सीट बरकरार रखी। पार्टी ने इस सीट से सांसद सुनील कुमार पिंटू को टिकट नहीं दिया था।
ठाकुर ने राजद के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अर्जुन राय को हराया था अर्जुन सीतामढ़ी से सांसद रह चुके हैं।
जद(यू) नेता के बयानों की विपक्षी राजद के साथ-साथ सहयोगी भाजपा ने भी निंदा की।
राजद के विधायक और मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा, ‘‘ठाकुर का बयान काफी आपत्तिजनक है। सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र के सभी समुदाय के लोगों का प्रतिनिधि होता है।’’
भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने भी ठाकुर का नाम लिये बिना कहा, ‘‘जातिगत पूर्वाग्रह से ग्रस्त तरीके से अपनी हताशा को व्यक्त करना राजनीति में शर्मनाक और निंदनीय है। भाजपा सभी सामाजिक वर्गों को साथ लेकर चलती है। बिहार में कोई भी राजनीतिक दल सफल नहीं हो सकता, अगर वह यादव समुदाय को हाशिए पर धकेलने की कोशिश करे, जिसकी आबादी में हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है।’’
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा, ‘‘यह अकल्पनीय है कि ठाकुर, समाज के किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव करेंगे। वह बस उन लोगों के वोट न मिलने पर अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे थे, जिनकी उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मदद की थी।’’
भाषा रंजन रंजन सुभाष
सुभाष
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