Mahtari Hunkar Rally in Bilaspur स्मृति ईरानी के बिलासपुर में हुई भाजपा की महतारी हुंकार रैली के भाषण का विश्लेषण करें तो भाजपा की 2023 की चुनावी रणनीति साफ-साफ नजर आती है। बहुत गहरे उतरने पर समझ आता है कि भाजपा सांगठनिक हमले में माहिर है। प्रदेश की कांग्रेस भी तैयार है, लेकिन उसकी पूरी ऊर्जा को चल रही केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाइयों के जरिए बिखराकर रखा जा रहा है। ईरानी के इस भाषण को राजनीतिक विश्लेषकों को तीन परतों में देखना चाहिए।
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Mahtari Hunkar Rally in Bilaspur कांग्रेस के कोर पर वार या इसके समकक्ष विषयों को खड़ा करना। प्रदेश कांग्रेस की गांवों में अच्छी पकड़ है। किसानों के मुद्दों पर भावनात्मक फोकस के जरिए बड़ी पिछड़ी जातियों के साथ कांग्रेस ने संगत बना रखी है। सांस्कृतिक तीज-पर्व, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्थानीयता का गौरव जगाकर कांग्रेस ने उम्र से परे मतदाताओं को अपनी ओर झुकाया हुआ है। राज्यगीत, राज्य को छत्तीसगढ़ महतारी की पहचान, स्थानीय त्योहारों पर अच्छे कार्यक्रम व जुड़ाव के तौर-तरीकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि को मजबूत किया है। ऐसे में भाजपा सबसे पहले उनकी इस छवि पर हमला करना चाहती है। इस हमले में यह ध्यान जरूर रखना चाहती है कि कहीं कोई ऐसी चूक न हो जैसी मोदी पर हमला करते समय कांग्रेस से हुई। इसलिए बहुत सावधानी और विषयों पर अच्छी तैयारी के साथ इस दिशा में बढ़ रही है। जैसे महतारी के बरक्श भारत माता की जय। स्मृति ईरानी ने इसलिए राहुल, प्रियंका और सोनिया को त्रिमूर्ति कहते हुए बघेल को इनके चक्कर लगाने वाला मुख्यमंत्री कहा। इससे एक तरफ लोगों का ध्यान बघेल की छवि से हट रहा है तो वहीं गांधी परिवार की राजनीतिक छवि को भी यहां तुलनात्मक रूप से पेश किया जा रहा है। गांधी परिवार वर्सस भाजपा में अभी तक के नतीजे बताते हैं भाजपा फायदे में रही है।
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ईरानी का भाषण में क्रम है। वे शराबबंदी को सीधे नहीं छूती, क्योंकि भय है कहीं राज्य सरकार घोषणा न कर दे। वे महिलाओं को केंद्र में रखकर राज्य में बने कांग्रेस के पक्ष के माहौल को बिखराना चाहती हैं। भाजपा आगामी तैयारियों में महिला मतदाता अलग खड़ा करना चाहती है। क्योंकि महिला मतदाता खेत, किसान, जाति, बिरादरी से आकर्षित नहीं होता, यह शराबबंदी जैसे मुद्दों पर जरूर एक हो सकता है। मुद्दों के निर्माण की ओर इशारा करती यह परत साफ बताती है कि भाजपा अब पीएम आवास, महिलाओं पर उत्पीड़न जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर ही आगे बढ़ेगी।
ईरानी ने परोक्ष रूप से राज्य में मजबूत होती एक प्रशासनिक अफसर का भी जिक्र किया। लेकिन सिर्फ एक लाइन में। चूंकि यह हिस्सा भाजपा की राजनीति में जनवरी के बाद से जुड़ने वाला है। फिलहाल इसकी तैयारी जारी है।
कुल जमा देखें तो भाजपा की पहली बड़ी रैली युवा मोर्चा के बैनर तले हुई, दूसरी बड़ रैली में महिला आगे हैं, अब संभव है कि भाजपा किसान मोर्चा आगे आए। भाजपा नहीं चाहती कि उसकी आंतरिक रणनीति का पैटर्न भी विरोधी समझ पाएं या कि अपना पाएं या कि काट खोज पाएं, इसलिए अभी बड़े नेताओं, कार्यक्रमों के जरिए बहुत सावधानी से 2023 की जमीन तैयार की जा रही है। ईरानी, महिला मोर्चा के जरिए हुंकार रैली की प्लानिंग इसी के हिस्सा है।
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