#NindakNiyre: बघेल की एक और परीक्षा, हिमाचल में ऐसा मुख्यमंत्री चुनना जो लोकसभा में पार्टी को दिलाए बड़ी बढ़त

choosing a Chief Minister in Himachal: मुख्यमंत्री चुनने की अहम जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कंधों पर है।

  •  
  • Publish Date - December 9, 2022 / 03:18 PM IST,
    Updated On - December 9, 2022 / 03:20 PM IST

Another test for Baghel choosing a Chief Minister in Himachal

बरुण सखाजी, राजनीतिक विश्लेषक

हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री चुनने की कवायद तेज हो गई है। यहां कांग्रेस ने ऐतिहासिक बहुमत हासिल करते हुए 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा 25 पर अटक गई है। 3 सीटों पर निर्दलीयों ने जोर मारा है। अब यहां पर कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनेगा। लेकिन समस्या ये आ गई है कि स्थानीय स्तर पर कांग्रेस में एक से अधिक नेताओं में स्पर्धा है। ऐसे में कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री चुनना चुनौतिपूर्ण है। सीएम के लिए वैसे तो प्रतिभा सिंह सबसे आगे चल रही हैं, लेकिन राज्य में प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थकों ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इन दो प्रमुख नामों के अलावा राजेंद्र राणा, चंद्रकुमार जैन, धनीराम और मुकेश अग्निहोत्री भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।

बघेल के कंधों पर सीएम चुनने की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री चुनने की अहम जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कंधों पर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इसमें खास भूमिका रह सकती है। चूंकि शुरुआत से लेकर अंत तक हिमाचल में बघेल के खास सिपहसालार विनोद वर्मा डेरा डाले रहे हैं। इस जीत के पर्दे के पीछे के अहम किरदार विनोद वर्मा को माना जा रहा है।

दावेदारों की फेहरिस्त

हिमाचल कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की लंबी फेहरिश्त है। पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह दो वजहों से सबसे बड़ी दावेदार हैं। पहली तो वे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से ताल्लुक रखती हैं, दूसरी वजह उन्होंने मंडी जिले से जीत हासिल की है, जो भाजपा के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले से जीती हैं। सुखविंदर सुक्खी इसलिए दावेदार हैं क्योंकि वे प्रचार समिति के अध्यक्ष हैं। वे एनएसयूआई से सक्रिय रहे हैं। वीरभद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं। इनके अलावा धनीराम दलित होने के नाते बड़े दावेदार हैं। उनकी ईमानदार और बेदाग छवि इसमें अहम है। धनी भी वीरभद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मुकेश अग्निहोत्री पत्रकार रहे हैं। अभी नेताप्रतिपक्ष थे। चंद्रकुमार ओबीसी नेता होने के नाते दावेदारी ठोक रहे हैं।

read more: #NindakNiyre: हिमाचल के पहाड़ों से नए राजनीतिक रास्ते पर भूपेश बघेल