बरुण सखाजी. राजनीतिक विश्लेषक
nindakniyre-ibc24 suvey on bjp cm face in CG भाजपा इस साल विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियों में जुट चुकी है। नित नई बैठकें, योजना, प्रदर्शन, बयान से ऐसा ही लग रहा है कि पार्टी बहुत गंभीरता से 2023 के रण में जा रही है। लेकिन लोगों के जेहन में एक सवाल है। वे सोचते हैं भाजपा अपनी ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाएगा या नहीं। भाजपा इसका सीधा जवाब नहीं दे रही। प्रभारी ओम माथुर कह चुके हैं, जैसी जरूरत होगी वैसा किया जाएगा। इसका मतलब साफ, पार्टी ने अभी तय नहीं किया है। वह जनता की नब्ज टटोल रही है। कार्यकर्ताओं की राय जान रही है। चेहरा घोषित करने की और न करने की स्थितियों के नफे-नुकसान देख रही है।
इस विषय पर आईबीसी और खबर बेबाक ने भी लोगों की नब्ज टटोली। हमने ऑनलाइन माध्यमों से लोगों से जाना, आखिर वे भाजपा से क्या चाहते हैं? क्या वे विधानसभा चुनाव में मोदी को चेहरा मानने तैयार हैं? या राज्य के ही किसी नेता को चेहरे के रूप में देखना चाहेंगे? इस विश्लेषण के साथ चलिए मैं आपको बताता हूं हमारे सर्वे के नतीजे।
सबसे पहले यह जानिए कि सर्वे किया कैसे गया। हमने अपने 6 प्लेटफॉर्म पर लोगों से सवाल पूछा। सवाल था क्या भाजपा को छत्तीसगढ़ में सीएम फेस के साथ मैदान में जाना चाहिए। इस सवाल के जवाब में प्रदेशभर से हमे 11 हजार प्रतिक्रियाएं और वोट मिले। 11 सैंपल को हमारी टीम ने कैल्कुलेट किया।
भाजपा चुनावों को गंभीरता से ले रही है। इसलिए यह नहीं कह सकते कि वह इस मोर्चे पर रिस्क लेगी या रिस्क के डर से कोई फैसला करेगी। बतौर राजनीतिक विश्लेषक मैं यह कहूंगा कि भाजपा को रिस्क हर हाल में लेनी होगी।
जनमत में जनता की राय ही सबसे ऊपर होती है। यानि जनता जो चाहती है वही होना चाहिए। जो पार्टी जनता की जितनी सुनेगी वह उतनी ही जनप्रिय होगी। देखते हैं भाजपा किसकी ज्यादा सुनेगी।
यह सच है। किसी भी राजनीतिकल दल को भीतरी बिखराव का भय होता है। इसे संभालना और संभाले रखना ही वास्तव में पार्टी चलाना है। प्रभारी ओम माथुर संगठन के जादूगर हैं। भाजपा में अलग-अलग स्तरों पर इस संबंध में काम चल रहा है। लेकिन पार्टी भीतरी कलह को सतह पर नहीं आने देना चाहती। इसलिए फिलहाल चेहरा देने से बच रही है।
हमारे सर्वे में 11 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया। इन्होंने पूरी बेबाकी से अपनी बात की। इनमें कई तरह के कमेंट भी हमे मिले। जैसे एक यूजर ने कहा भाजपा कितने ही चेहरे दे दे, हारेगी जरूर, क्योंकि टाइगर अभी जिंदा है। यूजर ने टाइगर मतलब बघेल बताया। ऐसे ही एक दूसरे यूजर ने लिखा भाजपा चेहरा दे और बताए कि वह बघेल से बेहतर चेहरा दे रही है या नहीं, बिना चेहरे के हम वोट नहीं देंगे। इसी तरह एक यूजर ने लिखा भाजपा चेहरा दे या न दे, अब कांग्रेस सरकार का अंत तो नजदीक है। इस तरह से अनेक यूजर कमेंट्स आए, जिनका सार निकला कठिन है।
हमारे सर्वे के नतीजों के मुताबिक प्रदेश के 80 फीसद लोग चाहते हैं, भाजपा को चेहरा देना चाहिए। आईबीसी के ट्वीटर, फेसबुक, लिंक्डइन, यूट्यूब कम्युनिटी, वेब, वॉट्सएप पर मिली प्रतिक्रियाओं के मुताबिक 80 फीसदी लोग यानि लगभग साढ़े 8 हजार लोगों ने कहा कि भाजपा को चेहरे के साथ 2023 के चुनावों में जाना चाहिए।
हमारे सर्वे में 23 फीसद लोगों ने कहा चेहरा दिए बिना चुनाव में जाना चाहिए। इनका मानना है, पार्टी के पास मोदी एक बड़ा चेहरा हैं। साथ ही कुछ लोग यह भी कहते हैं, बघेल सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रही इसलिए भाजपा ही जीतेगी। वहीं इन 23 फीसद लोगों में वे भी शामिल हैं जो कह रहे हैं, भाजपा कितना भी जोर लगाए जीतेगी नहीं।
हमारे सर्वे में 7 फीसद लोग ऐसे थे जिन्होंने इस मसले पर अपनी राय नहीं दी। यानि उन्होंने कहा कुछ कहा नहीं जा सकता। यह अपने पत्ते अभी नहीं खोलना चाहते।
बतौर राजनीतिक विश्लेषक मैं तो यही कहूंगा, भाजपा अगर सर्वे करवा रही होगी तो उसमें भी इसी तरह की राय आएगी। जनतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी होती है। हमने जिस तरह का सर्वे किया है उसके अनुसार लोग चाहते हैं भाजपा मुख्यमंत्री पद के चेहरे के साथ चुनाव में जाए तो उसे जाना चाहिए। क्योंकि इस सर्वे में सबसे ज्यादा 80 फीसद लोग एक ही बात कह रहे हैं। खैर, आप इस वीडियो को शेयर कीजिए। अगला वीडियो देखिए अगर भाजपा चेहरा बनाना चाहेगी तो किसे बना सकती है कौन है जो भाजपा की नैया पार लगा सकता है। फिलहाल दीजिए इजाजत नमस्कार।
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