Bhopal news/ image source: IBC24
Bhopal news: भोपाल: भोपाल में राज्योत्सव का दूसरा दिन उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस वर्ष राज्योत्सव की थीम “अभ्युदय मध्य प्रदेश” रखी गई है, जिसमें प्रदेश की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और लोक परंपराओं को प्रदर्शित किया जाएगा। राजधानी के विभिन्न आयोजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोग राज्य की रंग-बिरंगी विरासत का आनंद लेंगे।
#मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस का विशेष अवसर
“अभ्युदय मध्यप्रदेश” प्रदर्शनी
1 से 3 नवंबर 2025
लाल परेड मैदान,भोपालतस्वीरों के माध्यम से जानिए
मध्यप्रदेश के गौरवशाली
70 वर्ष की यात्रावैभवशाली अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और
उज्ज्वल भविष्य के साथ आगे बढ़ता मध्यप्रदेश… pic.twitter.com/ahowqCLYuj— Jansampark MP (@JansamparkMP) November 2, 2025
राजधानी भोपाल में आज का सबसे बड़ा आकर्षण “मेरा भोला है भंडारी” नामक भजन संध्या होगी। इस कार्यक्रम में श्रद्धालु और संगीत प्रेमी भजन और पारंपरिक संगीत की मधुर धुनों का आनंद लेंगे। इस भजन संध्या के माध्यम से मध्यप्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
Bhopal news: सांस्कृतिक कार्यक्रमों की चमक में सिंगर हंसराज रघुवंशी की प्रस्तुति भी शामिल होगी। वे अपनी मधुर आवाज़ और गीतों के ज़रिए राज्योत्सव में शामिल दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे। उनके द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक और आधुनिक गीतों से दर्शक भावविभोर होंगे और उत्सव का आनंद बढ़ेगा।
इसके साथ ही विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन किया जाएगा। यह नाट्य प्रस्तुति मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक और वीरता से भरे अतीत को उजागर करेगी। दर्शक इस नाट्यकला के माध्यम से प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और वीर शासकों की कहानियों को जीवंत रूप में अनुभव करेंगे।
Bhopal news: उज्जैन से आए कलाकारों की प्रस्तुति भी राज्योत्सव की शोभा बढ़ाएगी। यहाँ लगभग 150 कलाकार रथ, पालकी और घोड़ों के साथ आकर्षक प्रस्तुति देंगे। इस शो में मध्यप्रदेश की पारंपरिक कला, उत्सव और धार्मिक रीतियों की झलक दिखाई जाएगी, जिससे राज्योत्सव का माहौल और भी रंगीन बनेगा।
दिनभर प्रदर्शनी और मेले में प्रदेश की परंपरा, हस्तशिल्प, लोक कला और खान-पान की विविधता प्रदर्शित की जाएगी। इन प्रदर्शनों में स्थानीय कारीगर और कलाकार अपनी कारीगरी दिखाएँगे। मध्यप्रदेश की समृद्ध शिल्पकला, मिट्टी के बर्तन, हथकरघा उत्पाद, पारंपरिक कपड़े और हस्तशिल्प के नमूने प्रदर्शित किए जाएंगे, जो राज्य की सांस्कृतिक विविधता को सामने लाएँगे।
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