मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, यहां दर्ज 5 एफआईआर में नहीं होगी कार्रवाई
Mohammad Zubair Case: ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। याचिका में उन्होंने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में उनके खिलाफ दर्ज सभी 6 प्राथमिकी को रद्द करने की, उनको अंतरिम जमानत देने की मांग की और एसआईटी के गठन को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की याचिका पर सुनवाई के लिए पोस्ट किया।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस बीच उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी एफआईआर में जुबैर के खिलाफ कोई प्रारंभिक कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि हम अंतरिम जमानत का मसला परसों सुनेंगे। इस बीच कोई भी कोर्ट जल्दबाजी में कोई आदेश न दे। याचिकाकर्ता को दिल्ली की कोर्ट से 15 जुलाई को नियमित जमानत मिली है। बाकी में भी अंतरिम जमानत की मांग की गई है। सॉलिसीटर जनरल परसों मामले में पेश हों और कोर्ट की सहायता करें।
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उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी
सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। जिसमें जुबैर ने अंतरिम जमानत सहित उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी छह एफआईआर को रद्द करने की मांग की है और एसआईटी के गठन को भी चुनौती दी है।
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कोर्ट में मोहम्मद जुबैर की वकील ने क्या कहा?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान मोहम्मद जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि लोग इनाम पाने के लिए एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं। जुबैर को धमकी दी जा रही है। 5 जिलों में कुल 6 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। एक मामले में सुनवाई पूरी होती है, तो दूसरे में हिरासत में ले लिया जाता है। इस पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि आज ही सुनवाई की जरूरत नहीं हैं, कल सुनें। आज हाथरस कोर्ट में सुनवाई है। अगर सुप्रीम कोर्ट ठीक समझे तो उसे बदल सकता है।
जज ने कही ये बात
इसके बाद जज ने मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) की वकील से पूछा कि आप आज क्या चाहती हैं? जिस पर वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मैं चाहती हूं कि उन्हें सभी मामलों में अंतरिम जमानत दे दी जाए। इस पर जज ने कहा कि आज मामला बोर्ड पर नहीं है। सिर्फ हमारे अनुरोध पर दूसरे मामले के लिए कोर्ट में मौजूद सॉलिसीटर जनरल सहयोग कर रहे हैं। हम नोटिस जारी कर देते हैं। कल या परसों सुनवाई कर ली जाएगी।
इस चीज के लिए दर्ज हुआ था मामला।
जुबैर पर धार्मिक हिंसा भड़काने का आरोप था, जिसके तहत, अलग अलग 6 एफ आई आर दर्ज की गई थी, फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सबको रद्द करने का आदेश दिया है।

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