अदालत ने जेएजी में शामिल होने के लिए क्लैट-पीजी स्कोर को लेकर याचिका खारिज की

अदालत ने जेएजी में शामिल होने के लिए क्लैट-पीजी स्कोर को लेकर याचिका खारिज की

Modified Date: November 28, 2023 / 07:12 pm IST
Published Date: November 28, 2023 7:12 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) शाखा में कानून स्नातकों को शामिल करने के लिए पात्रता मानदंड के रूप में क्लैट-पीजी 2023 के स्कोर को अनिवार्य करने वाले भारतीय सेना के विज्ञापन के खिलाफ याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शैक्षिक योग्यता निर्धारित करना अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं है और वह संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (क्लैट-पीजी) स्कोर की आवश्यकता में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है, जबकि यह पहले के विज्ञापनों में भी मौजूद था।

पीठ ने कहा, ‘‘उन्होंने इसे एक आवश्यक पात्रता मानदंड बना दिया है। यह सेना का मामला है। जनहित का मतलब इसके लिए नहीं है। यह जनहित याचिका के लिए उपयुक्त मामला नहीं है। इसे खारिज किया जाता है।’’

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याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि क्लैट-पीजी स्कोर की आवश्यकता को उचित ठहराने का आधार है, जो राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में एलएलएम पाठ्यक्रमों में प्रवेश को नियंत्रित करता है, भले ही यह चयन प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभाता है।

याचिकाकर्ता शुभम चोपड़ा ने अपनी याचिका में दलील दी कि ‘‘जेएजी एंट्री स्कीम 33वें पाठ्यक्रम (अक्टूबर 2024)’’ के माध्यम से जेएजी कैडर के तहत सेना अधिकारियों को शामिल करने की विज्ञापित अधिसूचना मनमानी, अनुचित, असंवैधानिक और भारत के संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है।

याचिका में कहा गया कि क्लैट-पीजी 2023 को एक आवश्यक आदेश के रूप में लाना उन उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन है, जिन्होंने एलएलएम प्रवेश के लिए खुद को पंजीकृत नहीं कराया था और अब कानून में वैध स्नातक डिग्री रखने के बावजूद अयोग्य हैं।

भाषा आशीष वैभव

वैभव


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