MP Assembly Elections 2023: ध्रुवीकरण की पतवार..किसकी होगी नैया पार? क्या बीजेपी राम मंदिर का ट्रंप कार्ड की तरह इस्तेमाल करती है?
MP Assembly Elections 2023: ध्रुवीकरण की पतवार..किसकी होगी नैया पार? क्या बीजेपी राम मंदिर का ट्रंप कार्ड की तरह इस्तेमाल करती है?
भोपाल। MP Assembly Elections 2023 क्या मध्यप्रदेश में चुनावों के पहले ध्रुवीकरण की कोशिश हो रही है? क्या बीजेपी राम मंदिर को ट्रंप कॉर्ड की तरह इस्तेमाल करती है? क्या राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस बैकफुट पर है? क्या MP चुनाव में ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण हावी है ? ये सारे सवाल इसलिए क्योंकि मध्यप्रदेश का चुनाव इसी के इर्द गिर्द दिखाई दे रहा है। इस बार चुनाव में जनता, आम आदमी के मुद्दे गायब हैं। सियासी दल केवल ध्रुवीकरण का आरोप एक दूसरे पर लगा रहे हैं। जनता तो अपना जवाब 3 दिसंबर को दे देगी मगर आज हम जिम्मेदारों से जबाव लेंगे। की आखिर चुनाव में ध्रुवीकरण- तुष्टिकरण की राजनीति क्यों और कब तक चलेगी। तीन मेहमान हमारे साथ जुड़ेंगे मगर उससे पहले आपको ध्रुवीकरण कितनी हावी है।
MP Assembly Elections 2023 अयोध्या में रामलला का मंदिर लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है और अब 22 जनवरी को मूर्ति विराजित की जाएगी, लेकिन मध्यप्रदेश में अभी से इस पर राजनैतिक बयानबाजी तेज हो गई है…बीते 35 साल से राम मंदिर के जरिए धीरे धीरे अपना जनाधार बढ़ाने वाली बीजेपी को लगता को है कि ये मुद्दा उसे शायद विधानसभा में जीत दिलवा सकता है लिहाजा पहले प्रदेश के अलग अलग शहरों में प्रधानमंत्री और बीजेपी नेताओ के राम मंदिर के साथ पोस्टर नजर आए और अब बीजेपी की तरफ से मंदिर के जरिए कांग्रेस को धार्मिंक,सामाजिक और राष्ट्रवाद के मुद्दो पर खुली चुनौती दी जा रही है।
वी डी शर्मा , प्रदेश अध्यक्ष,बीजेपी 500 साल बाद मंदिर बन रहा है,फिर कांग्रेस को क्या आपत्ति है,22 तारीख का उद्घाटन है,कांग्रेस आज तक समझ नही पाई है, वो धार्मिक, सामाजिक संस्कृति और राष्ट्रवाद पर कहां खड़ी है,अगर हिम्मत है, कांग्रेस पार्टी राम मंदिर का खुलकर विरोध करें,आज तक कांग्रेस का कोई नेता राम मंदिर नही गया है।
चुनौती भले ही कांग्रेस को दी जा रही हो लेकिन इस राजनीति से कुछ सवाल तो खड़े होते ही हैं क्या ये चुनावों के पहले ध्रुवीकरण करने की कोशिश है। क्योंकि राजनैतिक दल विकास के एजेंडे पर चर्चा नहीं करते क्या बीजेपी राम मंदिर को ट्रंप कॉर्ड की तरह इस्तेमाल करती है। क्यों राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस बैकफुट पर चली जाती है। क्या हमास,हिंदुत्व और मंदिर जैसे मुद्दे है चुनाव जीतने की ग्यारंटी बार बार मंदिर और धर्म को आस्था का विषय बताने वाली कांग्रेस वैसे इन मुद्दों बचने की कोशिश तो करती ही है क्योंकि पार्टी को मालूम है कि बीते कई सालों में उसके घटते जनाधार की वजह ऐसे ही मुद्दे रहे हैं मतदान में 16 दिन का वक्त है और हर दिन दोनों ही पार्टियों की कोशिश विपक्षी दल को अपने एजेंडे पर लाने की होगी ऐसे में संभव है कि आने वाले दिनों में कुछ ऐसे भी मुद्दे सामने आए जिनके बारे में किसी ने सोचा भी न हो।

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