बरुण सखाजी.
कांग्रेस के साथ प्रशांत किशोर के एसोसिएशन के बीच बड़ी खबर आ रही है। सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के मुताबिक प्रशांत के प्रजेंटेशन में जो सुझाव दिए गए हैैं, वे कांग्रेस के अघोषित विद्रोही जी-23 नेताओं के सुझावों से मेल खा रहे हैं। बताया जाता है कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को देने के लिए पहला प्रजेंटेशन 600 स्लाइड्स का बनाया था, जिसे 85 स्लाइड में बदलकर पेश किया गया। इन 85 स्लाइड्स में अधिकतर सुझाव वे हैं जो कांग्रेस के जी-23 के नेता बीते 3 सालों से देते आए हैं। इस बीच रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके बताया है कि पीके ज्वाइन नहीं करेंगे।
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जी-23 कह रहा है परिवार से बाहर का हो अध्यक्ष
जी-23 में शामिल वे 23 कांग्रेसी हैं जो कांग्रेस में विभिन्न भूमिकाओं में रह चुके हैं। इनमें गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, विवेक तनखा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा आदि हैंँ। ये लोग कांग्रेस में अध्यक्ष चुने जाने को लेकर कहते रहे हैं, कि यह परिवार के बाहर से कोई होना चाहिए। इसी बात को प्रशांत ने अपने प्रजेंटेशन में कहा था। सोनिया गांधी के साथ जुड़े रहे ये नेता हाल की नई लीडरशिप के साथ काम करने में असहज महसूस कर रहे हैंं। जी-23 नेताओं ने कांग्रेस को जल्द से जल्दी नए सिरे से गठित करने की भी राय दी थी।
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पार्टी सीडब्ल्यूसी करती रहे
इन नेताओं ने केंद्रीय कार्य समिति की बैठकों आदि पर भी जोर दिया है। जी-23 ने सेवादल को पुनर्जीवित करने का कहा था, इस बात को पीके ने भी कहा है। इस तरह से देखें तो पीके भी इसी बात से इत्तेफाक रखते हैं।
राजनीतिक विश्लेषक कह रहे, इसीलिए नहीं जुड़े पीके
राजनीतिक विश्लेषक अशोक तोमर कह रहे हैं कि कांग्रेस के साथ पीके नहीं जुड़े। इसकी मूल वजह यह नहीं है कि कांग्रेस उन्हें जोड़ना नहीं चाहती, बल्कि जी-23 की और उनकी राय एक सी लग रही है इससे गांधी परिवार के इर्दगिर्द रहने वाले नेताओं को भय सता रहा है। उन्हें आशंका है कि वे आज नहीं तो कल इन्हें साइडलाइन करके जी-23 के नेता पार्टी पर हावी हो जाएंगे।