IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर खुशबू वाधवानी बोलीं- तनाव बिल्कुल न लें… वरना सपने रह जाएंगे अधूरे

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर खुशबू वाधवानी बोलीं- तनाव बिल्कुल न लें... वरना सपने रह जाएंगे अधूरे

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर खुशबू वाधवानी बोलीं- तनाव बिल्कुल न लें… वरना सपने रह जाएंगे अधूरे

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022: Success Story of 12th Topper khushboo Wadhwani

Modified Date: November 29, 2022 / 03:17 am IST
Published Date: July 7, 2022 4:26 am IST

रायपुर। IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022  अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। बिलासपुर जिले की खुशबू वाधवानी ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 482 अंक हासिल किया। खुशबू वाधवानी ने सेंट जोसेफ कॉन्वेंट हा. से. स्कूल, बिलासपुर में अपना पढ़ाई पूरी की है।

खुशबू ने कहा कि “हम सब दादी के साथ संयुक्त परिवार में रहते हैं। घर में सात्विक आहार, भजन-पूजन, ईश्वर के प्रति आभार का माहौल है। इसलिए हम सब तनावमुक्त तरीके से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं।“

खुशबू के पापा हैं उसकी प्रेरणा, बनना चाहती है सीए

खुशबू वाधवानी की जुबानी.. मैं आध्यात्मिक किस्म की हूं। मेरा परिवार संयुक्त परिवार है। घर के सभी सदस्यों का एक साथ रहना। कड़ी मेहनत, आस्था, ईश्वर का चिंतन, सात्विक आहार व जीवनचर्या मेरे घर का परिवेश है। अपने टॉपर होने पर मेरा भरोसा शुरू से था। क्योंकि मैंने अपना टाइम टेबल ऐसा सेट किया था कि कोई चैप्टर छूटने न पाए। हर स्तर पर कड़ी मेहनत, सही दिशा में पढ़ाई, घर में सबके साथ हंसी-खुशी के साथ रहना और तनाव बिल्कुल भी नहीं लेना। यही वजह है कि बीते वर्ष जब कोरोना ने प्रकोप दिखाया तो मैं ऑनलाइन पढ़ाई मोड पर गई। इससे मेरा प्रदर्शन कमजोर होने की आशंका मन में हुई, लेकिन घर की वही सीख फिर अपनाई, जिसमें हम लोग तनावमुक्त रहते हैं। टॉपर बनने के लिए जिस तरह की पढ़ाई की रणनीति होनी चाहिए वह अपनाई। रोज स्कूल के अलावा ठीक से विषय को समझना, रिवीजन करना, कहीं डाउट होने पर तुरंत अपने शिक्षकों से क्लीयर करना मेरी दैनिक सूची में रहता था। पापा अनाज व्यापारी हैं। मैं चाहती हूं, आगे सीए बनूं। एकाग्र चित होकर इसी पर फोकस करना है। सीए के अलावा मैंने यूपीएससी के लिए भी खुद को तैयार किया है। पापा का पूरा सपोर्ट है। उनकी दिनरात की मेहनत के सामने मेरी मेहनत कुछ भी नहीं। हम सब भाई-बहन दादी के साथ खूब एंजॉय करते हैं। घर का माहौल ऐसा है कि कभी सोचना ही नहीं पड़ता कि तनाव क्या होता है। मेरे प्रिय खेलों में बैडमिंटन शुमार है। स्वर्ण शारदा पाकर खुश हूं।

 ⁠


लेखक के बारे में