Mandsaur Lok Sabha Seat: मंदसौर में चेहरा नहीं पार्टी का है बोलबाला, अब तक सिर्फ 4 बार जीती है कांग्रेस, क्या इस बार भी खिल पाएगा कमल?

मंदसौर में चेहरा नहीं पार्टी का है बोलबाला, Mandsaur Lok Sabha Seat Political Analysis, Mandsaur Lok Sabha Background

Mandsaur Lok Sabha Seat: मंदसौर में चेहरा नहीं पार्टी का है बोलबाला, अब तक सिर्फ 4 बार जीती है कांग्रेस, क्या इस बार भी खिल पाएगा कमल?

Lok Sabha Chunav 2024 Phase 6 Voting

Modified Date: May 12, 2024 / 12:32 am IST
Published Date: May 11, 2024 8:31 pm IST

मंदसौरः Mandsaur Lok Sabha Seat Political Analysis मध्यप्रदेश की आठ सीटों पर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इसमें देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन और खंडवा शामिल है। पशुपति नाथ जी के मंदिर और अफीम की खेती के लिए पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखने वाली मंदसौर लोकसभा सीट में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सुधीर गुप्ता को मौका दिया है। वे 2014 से सांसद हैं। वहीं कांग्रेस ने कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर को मैदान में उतारा है। दिलीप मंदसौर के स्थानीय निवासी नहीं है, वे उज्जैन के मूल निवासी हैं। कांग्रेस का मानना है कि यह सीट ओबीसी है। यहां गुर्जरों का वोट बैंक अच्छा-खासा है।

Mandsaur Lok Sabha Seat Political Analysis : मंदसौर लोकसभा सीट को मंदसौर और नीमच जिले के साथ-साथ रतलाव के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है। जिसमें रतलाव की जाओरा विधानसभा, मंदसौर जिले की मंदसौर, मल्हागढ़, सुवासरा, गरोठ, और नीमच जिले की मनसा, नीमच और जावड़ विधानसभाएं शामिल हैं। इन सभी विधानसभाओं में सिर्फ मंदसौर को छोड़कर सभी पर बीजेपी काबिज है। 1951 में बने इस लोकसभा सीट में 23,08,838 मतदाता इस बार अपने मताधिकार करेंगे। जातिगत समीकरणों की बात करें तो यहां हिंदू 88%, मुस्लिम 9%, अनुसूचित जाति 16.78% और अनुसूचित जनजाति 5.36% है।

Read More : Ratlam Lok Sabha Chunav 2024 : आदिवासियों का पलायन सबसे बड़ी समस्या..! रतलाम सीट पर कांटे की टक्कर, कौन मारेगा बाजी? देखें इस सीट का समीकरण

 ⁠

नहीं रहा किसी एक पार्टी का वर्चस्व

इस सीट पर कभी किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं रहा बल्कि बारी-बारी दोनों पार्टियों को मौका मिला है। हालांकि 1989 के बाद से यहां बीजेपी ने अपनी धाक जमाई। 2009 में यहां से मीनाक्षी नटराजन ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालांकि इसके बाद 2014 और 2019 में फिर से बीजेपी ने अपनी धाक जमाई है। फिलहाल यहां से बीजेपी के सुधीर गुप्ता सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां से एक बार फिर से सुधीर गुप्ता को ही टिकट दिया। जबकि कांग्रेस ने 2009 में चुनाव जीत चुकी मीनाक्षी नटराजन पर दांव खेला। इस चुनाव में सुधीर गुप्ता ने मीनाक्षी को 3.76 लाख वोटों के भारी-भरकम अंतर से हराया था।

Read More : MP Lok Sabha Election: मध्यप्रदेश में थमा चुनावी शोर, अंतिम दिन राजनीतिक दलों में झोंकी ताकत, जानिए कहां-किसके बीच है मुकाबला

मंदसौर के असली मुद्दे

मध्यप्रदेश की मंदसौर सीट पर महंगाई सहित कई राष्ट्रीय मुद्दे तो हैं ही, इसके साथ-साथ स्थानीय मुद्दों का भी इस बार बोलबाला है। यहां के लोग इस विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर बात करने वाले नेता को चुनने की बात रहे हैं। क्योंकि इस लोकसभा सीट पर इन चीजों का विकास जितना होना चाहिए, उतना नहीं हो पाया है। अब देखने वाली बात होगी कि इस बार मंदसौर की जनता इस बार भाजपा पर भरोसा जताती है या फिर कांग्रेस को मौका देती है।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

खबरों के तुरंत अपडेट के लिए IBC24 के Facebook पेज को करें फॉलो


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।