Petrol Pump: सावधान! पेट्रोल पंप में डीज़ल की जगह बह रहा पानी, इन जगहों का नोजल सील, एक्शन मोड में प्रशासन
सावधान! पेट्रोल पंप में डीज़ल की जगह बह रहा पानी, इन जगहों का नोजल सील...Petrol Pump: Caution! Water flowing in petrol pumps
Petrol Pump | Image Source | IBC24
- झाबुआ में नेशनल पेट्रोल पंप पर बड़ी कार्रवाई,
- पानी मिले डीज़ल टैंक की नोजल सील,
- CM काफिला डीज़ल कांड के बाद सख्त कार्रवाई,
झाबुआ: Petrol Pump: रतलाम में मुख्यमंत्री के काफिले के वाहन में पानी मिले डीज़ल की घटना के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। सरकार ने तत्काल जांच के निर्देश जारी किए और इसी क्रम में झाबुआ जिले में भी पेट्रोल पंपों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आज झाबुआ शहर के तीन पेट्रोल पंपों पर जांच की गई और एक पेट्रोल पंप पर पानी मिलने के बाद नोजल को सील कर दिया गया।
Petrol Pump: मुख्यमंत्री काफिले में डीज़ल की जगह पानी मिलने की घटना के बाद झाबुआ में प्रशासन अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर नेहा मीना के निर्देश पर एक संयुक्त जांच दल गठित किया गया, जिसमें राजस्व विभाग, नापतौल निरीक्षक और आपूर्ति अधिकारी शामिल हैं। टीम ने बुधवार को शहर के तीन पेट्रोल पंपों वरुण पेट्रोल पंप गढ़वाड़ा, छाबड़ा पेट्रोल पंप जेल चौराहा, और नेशनल पेट्रोल पंप मेघनगर नाका पर जांच की। लेकिन सबसे चौंकाने वाली रिपोर्ट मिली नेशनल पेट्रोल पंप से जहाँ जांच के दौरान तीन टैंकों में पानी के अंश पाए गए। वॉटर डिप टेस्ट के दौरान स्पष्ट रूप से यह सामने आया कि फ्यूल टैंक में पानी मिला हुआ था। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत संबंधित नोज़ल को सील कर दिया।
Petrol Pump: तहसीलदार सुनील कुमार डावर ने बताया कि हमारी टीम द्वारा जांच में पाया गया कि नेशनल पेट्रोल पंप के टैंक में पानी के अंश मौजूद थे। उपभोक्ता हित में कार्रवाई करते हुए उस टैंक से जुड़ी नोजलों को सील कर दिया गया है। जांच अन्य स्थानों पर भी जारी है। दरअसल, रतलाम की घटना के बाद भोपाल से आदेश जारी हुए कि पूरे प्रदेश में फ्यूल की गुणवत्ता पर गंभीरता से कार्रवाई की जाए। इसके तहत सभी जिलों में पेट्रोल पंपों पर वॉटर डिप, घनत्व और स्टॉक जांच की जा रही है।
Petrol Pump: झाबुआ जिला प्रशासन ने भी साफ कर दिया है कि इस तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और भविष्य में भी इसी तरह की औचक जांच जारी रहेगी। फ्यूल जैसे आवश्यक संसाधन में मिलावट न केवल उपभोक्ताओं की जेब पर असर डालती है, बल्कि वाहन व पर्यावरण दोनों के लिए घातक होती है। प्रशासन की यह सख्ती आने वाले समय में पेट्रोल पंपों की जवाबदेही तय करने में एक अहम कदम साबित हो सकती है।

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