COVID-19 Vaccine: क्या कोरोना वैक्सीन से हो रही हैं अचानक मौतें? स्वास्थ्य मंत्रालय ने तोड़ी चुप्पी, बताया हार्ट अटैक और टीकाकरण का सच

क्या कोरोना वैक्सीन से हो रही हैं अचानक मौतें? स्वास्थ्य मंत्रालय ने तोड़ी चुप्पी...COVID-19 Vaccine: Are sudden deaths occurring due to

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  • Publish Date - July 2, 2025 / 06:44 PM IST,
    Updated On - July 2, 2025 / 06:45 PM IST

COVID-19 Vaccine | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • दिल के दौरे से हुई 20 से अधिक मौतों,
  • हासन में कोविड टीकों को लेकर विवाद,
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकों को बताया सुरक्षित,

नई दिल्ली: COVID-19 Vaccine: कर्नाटक के हासन जिले में हाल ही में दिल के दौरे से हुई 20 से अधिक मौतों को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा कोविड-19 टीकाकरण पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि कोविड-19 रोधी टीकों और अचानक हुई मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को यह आशंका जताई थी कि कोविड-19 टीकों को जल्दबाजी में मंजूरी देने और लगाने की प्रक्रिया शायद इन मौतों का एक कारण हो सकती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर उन्हें सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं और इसे हल्के में न लें।

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COVID-19 Vaccine: इसके जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा किए गए विस्तृत अध्ययनों से यह स्पष्ट हो गया है कि कोविड टीकाकरण और अचानक हृदयाघात से हुई मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि देशभर की विभिन्न एजेंसियों ने इन मौतों की जांच की है और निष्कर्ष एक ही रहा है टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा किए गए दो पूरक अध्ययनों ने 18 से 45 वर्ष के युवाओं में अचानक मृत्यु के कारणों को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है। इनमें एक अध्ययन पिछले रिकॉर्ड पर आधारित था जबकि दूसरा अध्ययन वास्तविक समय की जांच पर केंद्रित था। मई से अगस्त 2023 के बीच 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 तृतीयक अस्पतालों में यह अध्ययन किया गया।

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COVID-19 Vaccine: इन अध्ययनों में यह सामने आया कि अचानक मौतों के पीछे आनुवंशिक कारण, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां और कोविड संक्रमण के बाद की जटिलताएं अधिक जिम्मेदार हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि टीकाकरण से ऐसी मौतों का कोई सीधा संबंध नहीं है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोहराया कि कोविड टीकाकरण को अचानक मौतों से जोड़ना भ्रामक और तथ्यहीन है। ऐसे दावे न केवल टीकों पर जनता का भरोसा कमजोर करते हैं बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि कोविड टीकों ने महामारी के दौरान लाखों जानें बचाईं और इन्हें लेकर झूठी अफवाहें फैलाना पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना है। इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हासन जिले में हुई मौतों की गंभीरता को देखते हुए जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. रवींद्रनाथ की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है। समिति को 10 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। हासन में दिल के दौरे से हुई मौतों के पीछे का वास्तविक कारण क्या है यह तो विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा लेकिन फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि कोविड टीकाकरण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना वैज्ञानिक दृष्टि से सही नहीं है।

क्या "कोविड-19 टीकाकरण" से अचानक दिल का दौरा पड़ सकता है?

नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR द्वारा किए गए अध्ययनों से यह स्पष्ट हो चुका है कि कोविड-19 टीकाकरण और अचानक दिल का दौरा पड़ने के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

क्या हासन जिले में हुई 20 से अधिक मौतों का कारण "कोविड-19 टीकाकरण" है?

फिलहाल ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इन मौतों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की गई है, और कोविड-19 टीकाकरण को कारण बताना फिलहाल पूर्वधारणा है।

क्या "कोविड-19 टीकाकरण" के बाद भी किसी को हृदय संबंधी समस्या हो सकती है?

जी हाँ, लेकिन यह जरूरी नहीं कि वह टीकाकरण के कारण हो। आनुवंशिक कारण, जीवनशैली, पुरानी बीमारियां और कोविड के बाद की जटिलताएं इसकी अधिक संभावित वजह हो सकती हैं।

क्या "कोविड-19 टीकाकरण" अभी भी सुरक्षित है?

हाँ, कोविड-19 टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। यह महामारी के दौरान लाखों लोगों की जान बचाने में सहायक रहा है।

क्या "कोविड-19 टीकाकरण" पर सवाल उठाना सही है?

सवाल पूछना गलत नहीं है, लेकिन बिना वैज्ञानिक साक्ष्य के कोविड-19 टीकाकरण को लेकर अफवाह फैलाना जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।