#IBC24InBastar: नगरनार स्टील प्लांट पर केंद्र और राज्य के बीच हो रही सियासत? निजीकरण पर क्या है राय, देखें खास रिपोर्ट

#IBC24InBastar: आईबीसी24 लेकर आया है बस्तर का चुनाव..पार लगेगी किसकी नाव? का विशेष कवरेज। इस कार्यक्रम में चर्चा के लिए वरिष्ठ पत्रकार

#IBC24InBastar: नगरनार स्टील प्लांट पर केंद्र और राज्य के बीच हो रही सियासत? निजीकरण पर क्या है राय, देखें खास रिपोर्ट

#IBC24InBastar

Modified Date: October 30, 2023 / 09:30 pm IST
Published Date: October 30, 2023 8:55 pm IST

चित्रकोट: #IBC24InBastar: जिस तरह देश की सियासत का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। ठीक इसी तरह छत्तीसगढ़ की राजनीति को भी बस्तर सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। राजनीतिक पंडितो का भी मानना है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता पाने के लिए बस्तर जीतना सबसे जरूरी है। छत्तीसगढ़ की राजनीति का रास्ता बस्तर की वादियों से होकर ही गुजरता है। यही वजह है की अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर से लेकर मौजूदा छत्तीसगढ़ की राजनीति में बस्तर का दखल हमेशा देखा गया है। हर सियासी दलों की नजर बस्तर पर रही है और हर कोई यहाँ से सबसे ज्यादा विधायकों की जीत भी सुनिश्चित करने की कोशिश में रहती है।

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#IBC24InBastar: आज हम बात कर रहे है बस्तर के उन मुद्दों की जिसका सीधे तौर पर चुनावी असर देखा जाएगा। आदिवासियों की राजनीति का गढ़ रहा बस्तर आज भी अनेकों समस्याओं से जूझ रहा है। इन्ही समस्याओ, उनकी वजह और निदान पर चर्चा करने आईबीसी24 लेकर आया है बस्तर का चुनाव..पार लगेगी किसकी नाव? का विशेष कवरेज। इस कार्यक्रम में चर्चा के लिए वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। इस कार्यक्रम में नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के मुद्दे पर खुलकर चर्चा की गई। इस पर वरिष्ठ पत्रकारों ने क्या कहा आइए जानते हैं…

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सवाल – प्रधानमंत्री ने नगरनार प्लांट का उद्घाटन किया, इसके बाद विपक्ष ने कहा कि, नगरनार प्लांट का निजीकरण होगा या फिर इसे बेच दिया जाएगा।

#IBC24InBastar: जवाब – नगरनार स्टील प्लांट के स्थापना का प्रयास 2003 में शुरू हुआ था। 20 सालों तक कई परेशानियों के कारण इस प्लांट का सपना साकार नहीं हो पाया। नगरनार स्टील प्लांट के सलेक्शन के बाद लगा था स्थानीय युवाओं की बेरोजबारी दूर होगी और रोजगार के कई अन्य अवसर भी सामने आएंगे लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है।

सवाल – अगर कोई बड़ा औउद्योगिक घराना यहां इन्वेस्टमेंट करता है, तो उसमे परेशानी क्या है?

#IBC24InBastar: जवाब – बस्तर देश के सर्वाधिक पिछड़े जिलों में से एक है, पिछले कुछ वर्षो में जल, जंगल, जमीन हमारा है यह नारा भी बस्तर के बीहड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्र तक बुलंद किया गया। औउद्योगिक घराने के पास ही इतनी बड़ी राशि होती है। टाटा ने यहां बहुत प्रशिक्षण दिया, लेकिन जमीन वापस लेने के बाद से टाटा कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।

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