Union Budget 2025 for GOVT Employees: Budget 2025 में सरकारी कर्मचारियों की इन मांगों पर लग सकती है मुहर! जानिए क्या है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे में
Union Budget 2025 for GOVT Employees: Budget 2025 में सरकारी कर्मचारियों की इन मांगों पर लग सकती है मुहर! जानिए क्या है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कके पिटारे में
Union Budget 2025 / Image Source: IBC24
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली और न्यूनतम वेतन में वृद्धि
- महंगाई और वेतन संशोधन पर जोर
- महिला कर्मचारियों के लिए विशेष लाभ
नई दिल्ली: Union Budget 2025 for GOVT Employees वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आम बजट पेश करेंगी। बजट 2025 को लेकर गांव, गरीब, किसान, युवा, महिला ही नहीं सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ी उम्मीद है। युवाओं का मानना है कि टैक्स दरों में कमी की जानी चाहिए, क्योंकि बढ़ते टैक्स से आम आदमी पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। इसके साथ ही, युवाओं की सबसे बड़ी मांग रोजगार के नए अवसरों की है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और आर्थिक दृष्टि से सशक्त हो सकें।
Union Budget 2025 for GOVT Employees इसके अतिरिक्त, वे चाहते हैं कि सरकार ऊर्जा, हरित विकास और पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दे, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित हो सके। महिलाओं का सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई है। वे महसूस करती हैं कि रोजमर्रा की चीजों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे घरेलू खर्चों को संभालना मुश्किल हो रहा है। खासकर, मध्यमवर्गीय और निम्नवर्गीय परिवारों की महिलाएं महंगाई से जूझ रही हैं। महिलाएं चाहती हैं कि केंद्र सरकार महंगाई पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए, जिससे उन्हें और उनके परिवारों को राहत मिल सके। इस बजट से इन दोनों वर्गों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं, जो न केवल उनकी दैनिक जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए हैं, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करने के लिए जरूरी कदम हो सकते हैं। देखना होगा कि सरकार इन अपेक्षाओं को कितनी हद तक पूरा कर पाती है।
बात करें सरकारी कर्मचारियों की तो खासकर रेलवे कर्मचारियों की भी। इसकी वजह हैं उनसे जुड़ी हुई कुछ अहम मांगें। रेल कर्मियों को उम्मीद है कि शायद उनकी मांग पर बजट में गौर किया जाए। ऐसे में राष्ट्रीय भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (NFIR) ने केंद्र सरकार को बजट के लिए कई प्रस्ताव दिए हैं। लिहाजा, रोजाना लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाली रेल को चलाने वाले इन लाखों केंद्रीय कर्मचारियों की नजरें आज बजट भाषण पर रहेंगी।
सरकारी कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- 1. रेलवे में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली
रेलवे कर्मचारियों के काम, जोखिमों और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए, पूर्व रेलवे मंत्रियों ने 1 जनवरी 2004 से रेलवे में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे थे। इन प्रस्तावों को उचित प्राथमिकता देने रेलवे में पुरानी पेंशन योजना दोबारा लागू करने की मांग की गई है। - 2. केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में संशोधन
NFIR की ओर से पहले ही प्रधानमंत्री को भेजे गए प्रस्ताव में मांग की गई है कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारी (पे लेवल-1) का न्यूनतम वेतन ₹32,500 प्रति माह किया जाए, जो जुलाई 2023 से लागू हो। यह डॉ. अक्रॉयड फॉर्मूला और कई जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के आधार पर किया जाना चाहिए। बजट में मांग की गई कि इस प्रस्ताव पर विचार किया जाए। - 3. 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की स्थापना
केंद्र सरकार के कर्मचारियों का अंतिम वेतन संशोधन 1 जनवरी 2016 को किया गया था, जिसे 9 वर्ष हो चुके हैं। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, वेतन संशोधन की प्रक्रिया नियमित अंतराल पर की जानी चाहिए। सरकार द्वारा अभी तक 8वें वेतन आयोग की स्थापना नहीं की गई है। बजट में इसकी घोषणा की जानी चाहिए। - 4. महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) का भुगतान
जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच फ्रीज किए गए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। - 5. रेलवे में COVID-19 के कारण मारे गए कर्मचारियों के परिवारों को अनुग्रह राशि
एनएफआईआर की तरफ से मांग की गई है कि COVID-19 महामारी के दौरान 3000 से अधिक रेलवे कर्मचारियों की मृत्यु हो गई थी। उनके परिवारों को सरकार द्वारा अनुग्रह राशि देने का फैसला जल्द लिया जाए। - 6. स्थायी चिकित्सा भत्ते की राशि में वृद्धि
फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस (FMA) को ₹5000 प्रति माह किया जाए। - 7. परिवहन भत्ते को इनकम टैक्स से मुक्त किया जाए
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले परिवहन भत्ते को आयकर से छूट दी जाए। - 8. आयकर छूट सीमा बढ़ाई जाए
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आयकर छूट सीमा को ₹15 लाख प्रति वर्ष किया जाए। - 9. 65 वर्ष की आयु पर अतिरिक्त पेंशन
प्रस्ताव में यह भी मांग की गई है कि संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश के अनुसार 65 वर्ष की आयु होने पर केंद्रीय सरकारी पेंशनरों को एकस्ट्रा पेंशन दी जाए। - 10. पेंशन की गणना में संशोधन
संविदा मूल्य की पेंशन 11 वर्ष में बहाल की जाए, जो वर्तमान में 15 वर्ष के बाद होती है। - 11. रेलवे में नई संपत्तियों के लिए नई भर्तियों पर प्रतिबंध हटाया जाए
रेलवे के पूरे फायदे में नई परियोजनाओं और संपत्तियों के लिए नई भर्तियों पर प्रतिबंध हटाया जाए। - 12. अविवाहित महिला सरकारी कर्मचारियों को माता-पिता की देखभाल हेतु स्पेशल लीव
अकेली महिला कर्मचारियों को माता-पिता की देखभाल के लिए विशेष अवकाश दिया जाए। यह मांग भी इस बजट में की गई है। - 13. ड्यूटी के दौरान मरने वाले रेलवे कर्मचारियों को “शहीद” का दर्जा
ड्यूटी करते वक्त किसी भी रेलवे कर्मचारी की मृत्यु होने पर उन्हें “शहीद” का दर्जा दिया जाए। - 14. महिला कर्मचारियों के लिए एडिशनल कैजुअल लीव
महिला कर्मचारियों, खासकर 50 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं को 15 दिन का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश दिया जाए। - 15. दूसरे साल के लिए 100% वेतन के साथ चाइल्ड केयर लीव
NFIR की ओर से मांग की गई है कि दूसरे साल में महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव को पूरे वेतन के साथ लागू किया जाए। - 16. पेंशनर्स के लिए आश्रय गृहों की स्थापना
केंद्रीय पेंशनभोगियों के लिए देशभर में आश्रय गृहों की स्थापना की जाए। - 17. ट्यूशन शुल्क और हॉस्टल सब्सिडी को स्नातकोत्तर स्तर तक बढ़ाया जाए
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बच्चों के लिए ट्यूशन शुल्क और हॉस्टल भत्ता स्नातकोत्तर (पोस्ट-ग्रेजुएट) स्तर तक लागू किया जाए। - 18. सरकारी पेंशनर्स संगठनों के लिए कार्यालय सुविधाएं
केंद्रीय सरकारी पेंशनर्स संगठनों को कार्यालय और मनोरंजन की सुविधा हेतु स्थान उपलब्ध कराया जाए। - 19. रेलवे में पुनर्नियुक्त पूर्व सैनिकों का वेतन संरक्षण
पूर्व सैनिकों को रेलवे में पुनर्नियुक्त करने पर उन्हें पिछले वेतन संरक्षित वेतन दिया जाए। - 20. रेलवे स्टाफ की ग्रेड पे अपग्रेडेशन
रेलवे मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित स्टाफ की ग्रेड पे अपग्रेडेशन को मंजूरी दी जाए।

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