राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रभाव की निगरानी कर रही हैं 12 संस्थाएं

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रभाव की निगरानी कर रही हैं 12 संस्थाएं

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  • Publish Date - March 19, 2021 / 02:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को संसद को सूचित किया कि उसने वर्ष 2020-23 के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के प्रभाव का आकलन करने के लिए 12 निगरानी संस्थानों को जोड़ा है।

केंद्रीय खाद्य राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने राज्यसभा में एक प्रश्न के अपने लिखित उत्तर में कहा कि सरकार ने ‘‘एनएफएसए की प्रभावकारिता और प्रभाव’’ के मूल्यांकन के लिए राज्यों के साथ मिल कर मूल्यांकन करा रही है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-20 के दौरान, लगभग 26 संस्थानों और विश्वविद्यालयों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एनएफएसए के क्रियान्वयन की निगरानी में लगाया गया था। ये संस्थाएं सुधारात्मक कार्रवाई की सिफारिशों के साथ त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करती रहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2020-23 की अवधि के लिए, 12 निगरानी संस्थान, एनएफएसए के प्रभाव पर समवर्ती मूल्यांकन करने के लिए लगाये गये हैं।’’

वर्ष 2013 में पारित एनएफएसए, ग्रामीण आबादी के 75 प्रतिशत तक और शहरी आबादी के 50 प्रतिशत व्यक्ति को राशन की दुकानों के माध्यम से सब्सिडी वाले खाद्यान्नों की आपूर्ति का प्रावधान करता है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इस कार्यक्रम के दायरे में 81.85 करोड़ लोग आते हैं।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर