ढांचागत क्षेत्र की 411 परियोजनाओं की लागत 4.31 लाख करोड़ रुपये बढ़ गईः रिपोर्ट |

ढांचागत क्षेत्र की 411 परियोजनाओं की लागत 4.31 लाख करोड़ रुपये बढ़ गईः रिपोर्ट

ढांचागत क्षेत्र की 411 परियोजनाओं की लागत 4.31 लाख करोड़ रुपये बढ़ गईः रिपोर्ट

:   Modified Date:  November 19, 2023 / 11:07 AM IST, Published Date : November 19, 2023/11:07 am IST

नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) बुनियादी ढांचे से जुड़ी और 150 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाली 411 परियोजनाओं की कुल लागत में इस साल अक्टूबर तक 4.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 1,788 परियोजनाओं में से 411 परियोजनाओं की लागत बढ़ने की सूचना है जबकि 837 परियोजनाओं के पूरा होने में देरी हुई है। मंत्रालय 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक निवेश वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है।

मंत्रालय ने अक्टूबर, 2023 की अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा, ‘सभी ढांचागत परियोजनाओं की सम्मिलित मूल लागत 24,78,446.60 करोड़ रुपये थी लेकिन अब उनके पूरा होने पर आने वाली कुल लागत 29,09,526.63 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यह लागत में 4,31,080.03 करोड़ रुपये की वृद्धि को दर्शाता है जो कि मूल लागत का 17.39 प्रतिशत अधिक है।’

इस रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर महीने तक समीक्षाधीन परियोजनाओं पर 15,27,102.91 करोड़ रुपये का खर्च आया, जो परियोजनाओं की अनुमानित लागत का 52.49 प्रतिशत है।

हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि परियोजनाओं में देरी की गणना समापन की नवीनतम सूची के आधार पर की जाती है, तो विलंबित परियोजनाओं की संख्या घटकर 628 हो जाती है।

देरी से चल रही 837 परियोजनाओं में से 202 में एक महीने से लेकर एक साल तक की विलंब बै जबकि 188 में 13-24 महीने की देरी है। वहीं 324 परियोजनाएं पांच साल तक की देरी से चल रही हैं जबकि 123 परियोजनाओं में पांच साल से भी अधिक विलंब हो चुका है।

परियोजनाओं के पूरा होने में हो रही देरी के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों ने भूमि अधिग्रहण में देरी, वन और पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने में देरी और बुनियादी ढांचे के समर्थन और लिंकेज की कमी को जिम्मेदार बताया है।

इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन ने भी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी की है।

भाषा प्रेम प्रेम

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