Minimum Wage Rate
नई दिल्ली : Minimum Wage Rate : सरकार ने 2024 के लिए अंतरिम बजट लाने की पूरी तैयारी कर ली है। बजट पेश करने से पहले सरकार के पास अलग-अलग इंडस्ट्रीज से कई तरह की सिफारिशें पहुंच रही हैं। सरकार इन सिफारिशों को मानेगी या नहीं ये देखने वाली बात है। इसी बीच एक अच्छी खबर निकलकर सामने आ आ रही है। इस खबर के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सरकार द्वारा मजदूरों को एक बड़ा तोहफा दिया जा सकता है। संभव है कि सरकार अनिवार्य राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन में वृद्धि की सिफारिश मान ले। यदि ऐसा होता है तो असंगठित क्षेत्रों के 50 करोड़ वर्कर्स को सीधा लाभ होगा।
Minimum Wage Rate : एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में एस.पी. मुखर्जी के नेतृत्व में बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी ने न्यूनतम वेतन को बढ़ाने की सिफारिश की है। इसी रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि सरकार अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले इसे लागू कर सकती है। यह भी कहा गया है कि इस बारे में कमेटी की रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है। अंतिम राउंड की मीटिंग से पहले इसके पूर्ण होने की उम्मीद है।
बता दें कि 50 करोड़ कामगार अभी तक 176 रुपए न्यूनतम वेतन के हिसाब से काम कर रहे हैं। इन 50 करोड़ कामगारों में से 90 फीसदी असंगठित क्षेत्रों से संबंधित हैं। इस वेतन को 2017 में रिवाइज़ किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, बढ़ती हुई महंगाई और जीवन-यापन की लागत के चलते इसे रिवाइज़ किया जाना जरूरी समझा जा रहा है।
Minimum Wage Rate : अभी तक न्यूनतम वेतन की दरें राज्यों के लिए बाध्याकारी नहीं हैं, परंतु यदि न्यूनतम वेतन की नई दरें लागू होती हैं तो सभी राज्यों के लिए इस पर अमल करना जरूरी होगा। 2019 में लाई गई वेतन संहिता ने केंद्र सरकार को कामगारों के जीवन-यापन हेतु न्यूनतम स्टैंडर्ड को लागू कराने की पावर दी थी। इस आधार पर यह समझा जाना चाहिए कि इसके लागू होने पर 50 करोड़ कामगारों को इसका लाभ मिलेगा।
Minimum Wage Rate : 2019 में अनूप सत्पति ने नेतृत्व में बनी एक कमेटी ने न्यूनतम वेतन 375 रुपए रखने की सिफारिश की थी। इस कमेटी के प्रस्ताव को सरकार ने स्वीकृति नहीं थी। सरकार नियोक्ताओं की पर्याप्त वित्तीय निहितार्थों को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया था। तो क्या इस बार 375 रुपये तय किया जा सकता है? इस पर हालांकि अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, मगर समझा जा रहा है कि वर्तमान कमेटी 176 और 357 रुपए के बीच में कहीं तालमेल बैठा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस चर्चा में भागीदार नियोक्ताओं के एक प्रतिनिधि ने बताया, उम्मीद है कि कमेटी नियोक्ताओं की वित्तीय बोझ का आकलन करते हुए न्यूनतम वेतन के लिए बैलेंस बनाने की कोशिश करेगी। कमेटी महंगाई और घरेलू खर्चों की लागतों को ध्यान में भी रखेगी, जिसमें न्यूट्रिशन और गैर-खाद्य जरूरतें भी शामिल होंगी।