7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की लंबे समय से ये मांग थी कि उनके महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की जाए। जिस पर सरकार की मुहर भी लगी और अब कर्मचारियों को 38 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। अब कर्मचारियों के लिए एक और बड़ी खबर आ रही है कि उनके न्यूनतम सैलरी में भी जल्द बढ़ोतरी की जा सकती है। ये इस लिए क्योंकि फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है और फिटमेंट फैक्टर मिनिमम सैलरी निर्धारण करने का एक पैमाना है। यदि इस पर सहमति बनती है तो जल्द ही कर्मचारियों की सैलरी बढ़ सकती है।
7th Pay Commission: वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से न्यूनतम सैलरी 18000 है। जिस पर कर्मचारियों की मांग है कि इसे 26000 की जाए। पर साल के अंत में सरकार इस पर कोई विचार करे ये थोड़ा मुश्किल है। ऐसे में संभवत: सरकार अगले साल के बजट में इसका ध्यान रख सकती है। अगर केन्द्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 26,000 होती है, तो उनकी सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है। वैसे एक प्रस्ताव ये भी है कि सरकार न्यूनतम सैलरी 21000 रुपए भी करती है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 28 सितंबर 2022 को ही केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की अतिरिक्त इंस्टालमेंट रिलीज की थी।
7th Pay Commission: इसी के साथ केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का जो डीयरनेस अलाउंस और डीयरनेस रिलीफ जो एक जुलाई 2022 से बकाया था, उसका सरकार ने भुगतान करने को मंजूरी दे दी। केन्द्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते में 4% का इजाफा हुआ है। महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के 12 महीने के औसत पर तय की जाती है। महंगाई भत्ते में अमूमन सरकार साल में दो बार बढ़ोत्तरी करती है। एक बार दिसंबर तक समाप्त होने वाली अवधि के आधार पर, दूसरी जून में समाप्त होने वाली अवधि के आधार पर। महंगाई भत्ते में इस बढ़ोत्तरी से सरकारी खजाने पर सालाना 6,591.36 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।
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