बी रामलिंगा राजू की याचिका पर एक अदालत ने नेटफ्लिक्स का कार्यक्रम को रोका

बी रामलिंगा राजू की याचिका पर एक अदालत ने नेटफ्लिक्स का कार्यक्रम को रोका

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  • Publish Date - September 2, 2020 / 02:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

हैदराबाद, दो सितंबर (भाषा) बी. रामलिंगा राजू की याचिका पर हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने नेटफ्लिक्स की वेबसीरीज ‘बैड बॉय बिलेनियर-इंडिया’ के प्रसारण पर अंतरिम रोक लगा दी। राजू सत्यम कंप्यूटर से जुड़े कई करोड़ रुपये के घोटाले में दोषी करार दिए गए थे।

‘बैड बॉय बिलेनियर-इंडिया’ वेब मनोरंजन मंच नेटफ्लिक्स की एक मौलिक वृत्तचित्र वेब श्रृंखला है। यह बुधवार को प्रसारित की जानी थी। इसमें किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख और करोड़ों रुपये के बैंक गबन मामले में वांछित आरोपी विजय माल्या, पीएनबी घोटाले में संलिप्त नीरव मोदी, सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय सहारा समेत सत्यम कंप्यूटर्स के रामलिंगा राजू की भी कहानी दिखायी गयी है।

राजू की याचिका पर अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश बी. प्रतिमा ने अमेरिका की नेटफ्लिक्स इंक, नेटफ्लिक्स एंटरटेनमेंट सर्विसेस इंडिया एलएलपी, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के नोडल अधिकारी को नोटिस जारी किया। साथ ही मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 नवंबर तय की गयी है।

राजू ने अपनी याचिका में कहा कि यह ‘खोजपरक वृत्तचित्र’ उनके निष्पक्ष कानूनी वाद लड़ने और निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है। इसके अलावा देशभर में उनकी छवि को खराब करने की कोशिश भी है।

उन्होंने अपनी याचिका में इसका ट्रेलर जारी करने को भी अपनी मानहानि और मीडिया ट्रायल करना बताया, जबकि उनके खिलाफ अभी मामला न्यायालय में चल रहा है।

अप्रैल 2015 में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक राजू एवं नौ अन्य को 7,000 करोड़ रुपये के लेखा घोटाले में सात साल की सश्रम कारावास सजा सुनायी थी। यह घोटाला वर्ष 2009 में सामने आया था।

मई 2015 में राजू और अन्य के उच्च न्यायापालिका में अपील दाखिल करने के बाद मेट्रोपोलिटन सत्र अदालत ने उनकी सात साल की सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था।

इस बीच बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने नेटफ्लिक्स की बिहार की एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। बिहार की अदालत ने इस सीरीज में सुब्रत राय के नाम के इस्मेमाल को लेकर रोक लगायी थी।

हालांकि पीएनबी घोटाले में वांछित मेहुल चौकसी की इसी सीरीज के पूर्व- प्रसारण को लेकर दायर याचिका 28 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी।

भाषा शरद मनोहर

मनोहर