एआईकेएस ने खरीफ उत्पादन के अग्रिम अनुमान को ‘फर्जी’ करार दिया

एआईकेएस ने खरीफ उत्पादन के अग्रिम अनुमान को ‘फर्जी’ करार दिया

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  • Publish Date - December 3, 2025 / 08:12 PM IST,
    Updated On - December 3, 2025 / 08:12 PM IST

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) माकपा की किसान शाखा अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने बुधवार को कहा कि विभिन्न कारणों के अलावा पिछले वर्षों के उपज के रुझान के आधार पर फसल वर्ष 2025-26 के लिए खरीफ उत्पादन का अग्रिम अनुमान ‘‘फर्जी’’ है, क्योंकि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के विशाल क्षेत्रों को विनाशकारी बाढ़ का सामना करना पड़ा है।

यहां जारी एक बयान में, एआईकेएस ने कहा कि फसल वर्ष 2025-26 के लिए खरीफ उत्पादन के अग्रिम अनुमान, जिसमें 12.45 करोड़ टन चावल और 2.83 करोड़ टन मक्के के रिकॉर्ड उत्पादन का दावा किया गया है, ‘‘पिछले वर्षों के उपज रुझान, अन्य जमीनी स्तर की जानकारियों, क्षेत्रीय टिप्पणियों और मुख्य रूप से राज्यों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित हैं।

इसमें कहा गया है कि दावे ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए फर्जी हैं कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के विशाल क्षेत्रों को इस साल विनाशकारी बाढ़ का सामना करना पड़ा।’’

एआईकेएस ने कहा, ‘‘अनुमान लगाया गया है कि पंजाब में लगभग 1.9 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है। हरियाणा में, किसानों ने बाढ़ से हुए नुकसान की रिपोर्ट करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए आधिकारिक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से 12.5 लाख एकड़ से अधिक फसल के नुकसान की सूचना दी है।’’

इसमें कहा गया, ‘‘हिमाचल प्रदेश में, सरकारी आकलन से पता चलता है कि 24,552 हेक्टेयर भूमि में फसल को नुकसान हुआ है। इसके अलावा, इन दोनों राज्यों में धान में ड्वार्फ (बौने) वायरस की भी खबरें आई हैं, जिससे फसल को नुकसान हुआ है। बाढ़ ने महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक समेत कई अन्य राज्यों में भी फसलों को प्रभावित किया है।’’

इसमें कहा गया है कि बाढ़ से हुए नुकसान के अलावा, किसानों को खरीफ मौसम के दौरान यूरिया और अन्य उर्वरकों की भारी कमी का सामना करना पड़ा।

संगठन ने दावा किया, ‘‘पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले एआईकेएस प्रतिनिधिमंडल ने देखा है कि पानी में डूब जाने के कारण खड़ी फसल को लगभग पूरा नुकसान हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में, उर्वरकों की आपूर्ति में लगातार कमी के कारण, उर्वरक की दुकानों और सहकारी समितियों पर किसानों की लंबी कतारें एक नियमित दृश्य बन गई हैं। कई समाचार रिपोर्टों ने ख़रीफ़ 2025 मौसम के दौरान उर्वरक की कमी के सबूत प्रदान किए।”

इसने केंद्र सरकार पर ख़रीफ़ उत्पादन के रिकॉर्ड उत्पादन का दावा करके परिदृश्य को ‘वास्तविकता से परे’ बताने का आरोप लगाया।

इसने कहा, ‘‘अगर नवीनतम सत्र में बड़े पैमाने पर फसल की क्षति और नुकसान देखा गया है, तो ख़रीफ़ की परियोजना के लिए पिछली उपज का उपयोग करना एक भ्रामक तस्वीर प्रदान करने के लिए बाध्य है। इस तरह के भ्रामक आंकड़ों का इस्तेमाल फसल बीमा और मुआवजे के लाभ से इनकार करने के लिए किया जाता है।’’

26 नवंबर को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जारी मुख्य खरीफ फसलों के उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, प्रमुख खरीफ फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि की उम्मीद है, कुल खाद्यान्न उत्पादन 38.7 लाख टन बढ़कर 17 करोड़ 33.3 लाख टन होने का अनुमान है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय